हरियाणा : रामपाल की संभावित गिरफ्तारी को लेकर समर्थकों और पुलिस के बीच तनाव
बरवाला (हरियाणा) : हरियाणा के हिसार जिले के बरवाला शहर में रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच आज रात संभावित संघर्ष के मद्देनजर तनाव बना हुआ है.पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्वयंभू संत रामपाल को कल तक अवमानना मामले में पेश करने का समय दिया है जिसके बाद अधिकारियों ने कई संवेदनशील स्थानों […]
बरवाला (हरियाणा) : हरियाणा के हिसार जिले के बरवाला शहर में रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच आज रात संभावित संघर्ष के मद्देनजर तनाव बना हुआ है.पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्वयंभू संत रामपाल को कल तक अवमानना मामले में पेश करने का समय दिया है जिसके बाद अधिकारियों ने कई संवेदनशील स्थानों पर निषेधाज्ञा लागू कर दी.
अधिकारियों ने आज बताया कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की तरफ से तय समय सीमा को देखते हुए सतलोक आश्रम के नजदीक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही. आश्रम को पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने घेर रखा है और परिसर की तरफ जाने वाली सभी सडकों को सील कर दिया गया है.
63 वर्षीय विवादास्पद संत के कई शिष्य उनकी गिरफ्तारी को रोकने के लिए सतलोक आश्रम में ठहरे हुए हैं. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि हिसार जिले के बरवाला शहर में अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया है ताकि रामपाल को बाहर लाया जा सके जिनकी रक्षा में महिलाओं सहित बडी संख्या में लोग एकत्र हैं. उनके रक्षकों में उनके अनुयायी शामिल हैं और समझा जाता है कि उनके पास घातक हथियार हैं.
चंडीगढ, पंचकूला और मोहाली में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगाई गई है ताकि उनकी गिरफ्तारी का विरोध कर रहे उनके समर्थकों को रोका जा सके. अधिकारी रामपाल को मनाने में जुटे हुए हैं क्योंकि स्वेच्छा से गिरफ्तारी देने पर हिंसा की घटना से बचा जा सकेगा.
बहरहाल अधिकारी ने कहा कि अदालत के आदेशों का पालन करने के लिए आश्रम पर धावा बोलने और बल प्रयोग को तैयार रखा गया है. पुलिस महानिरीक्षक अनिल कुमार राव और पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र कुमार गुप्ता ने कहा कि पुलिस उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करेगी और उन्हें अदालत में पेश करने के लिये गिरफ्तार करेगी.
बहरहाल उन्होंने इंजीनियर से विवादास्पद संत बने रामपाल की गिरफ्तारी के बारे में विस्तृत ब्यौरा देने से इंकार कर दिया.बरवाला शहर से गाबीपुर गांव तक सात किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग पर सभी ढाबों को बंद कर दिया गया है.हिसार जिला प्रशासन ने आश्रम के आसपास स्कूलों को तीन दिन के लिए बंद करने के आदेश दिए हैं जबकि इलाके के अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और पुलिस एवं रामपाल के समर्थकों के बीच किसी संघर्ष की स्थिति में करीब 40 एंबुलेंस को तैयार रखा गया है.
इससे पहले अधिकारियों ने आश्रम में बिजली और पानी की आपूर्ति काट दी थी. पुलिस नजर रख रही है कि कल अदालत में सुनवाई के मद्देनजर रामपाल के अनुयायी चंडीगढ की तरफ कूच नहीं करें क्योंकि इससे कानून-व्यवस्था की समस्या आ सकती है.
रामपाल के अनुयायियों का कहना है कि उनके (रामपाल के) पूरी तरह स्वस्थ होने तक वे उनकी गिरफ्तारी नहीं होने देंगे.
रामपाल ने अपना आश्रम रोहतक से हिसार के बरवाला में स्थानांतरित कर लिया था. जुलाई 2006 में ग्रामीणों के साथ संघर्ष के दौरान उनके आश्रम में हजारों समर्थक जुट गए थे और हत्या के मामले में रामपाल को गिरफ्तार करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पडी थी.
वर्ष 2013 में एक बार फिर जब उन लोगों ने रोहतक जिले के करौंथा गांव में आश्रम को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया तो बडी संख्या में उनके समर्थक आश्रम के अंदर चले गए और वहां से हटने से इंकार कर दिया जिसके बाद हुए संघर्ष में दो लोग मारे गए और कई अन्य जख्मी हो गए.
अधिकारियों ने कहा कि चंडीगढ में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आसपास सुरक्षा के उपाय बढा दिए गए हैं जबकि रेलवे स्टेशन एवं अंतरराज्यीय बस टर्मिनल के आसपास अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कल रामपाल से अपील की थी कि वह ‘‘शांतिपूर्ण तरीके से’’ और ‘‘बिना किसी बाधा के’’ अदालत में पेश हो जाएं. उन्होंने कहा, ‘‘हर किसी को न्यायिक प्रणाली की गरिमा को प्राथमिकता देनी चाहिए.’’