नयी दिल्ली : हरियाणा में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ गईं है. अभी बीजेपी को सत्ता में आए एक महीने भी नहीं हुआ है और इसने डीएलएफ मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है. सरकार ने सोमवार को वाड्रा के जमीन सौदों को क्लियर करने वाले अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है.
यह गाज असिस्टेंट कंसॉलिडेशन ऑफिसर दलबीर सिंह पर गिरी है जिसपर गुड़गांव जिले के रोजका गुज्जर गांव में लैंड म्यूटेशन से जुड़े अन्य मामले में अनियमितता बरतने का आरोप है. इन्होंने ही रॉबर्ट वाड्रा और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच साल 2012 में हुए विवादित जमीन सौदों को भी क्लियर किया था.
सूत्रों के अनुसार आइएएस ऑफिसर अशोक खेमका ने एक दिन के बाद ही इस म्यूटेशन को रद्द किया था लेकिन जुलाई 2014 में रेवेन्यू रेकॉर्ड को अपडेट करते हुए इसे फिर से वैध करार दे दिया गया था.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार राज्य के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु सिंह ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि गुड़गांव के डेप्युटी कमिश्नर से रिपोर्ट मिलने के बाद सिंह को सस्पेंड किया गया. 11 नवंबर को सिंह को राज्य पुलिस ने जमीन सौदों में धोखाधड़ी के एक अन्य मामले में अरेस्ट किया था.