रामपाल प्रदर्शन : पुलिस ने समर्थकों को दिया आश्रम खाली करने का समय
चंडीगढ : पुलिस ने संत रामपाल के समर्थकों को आश्रम खाली करने के लिए 30 मिनट का समय दिया है. यदि आश्रम खाली नहीं किया गया तो पुलिस आगे कठोर कार्रवाई करेगी. ताजा खबरों के मुताबिक पुलिस संत रामपाल के आश्रम के अन्दर घुसने में कामयाब हो गयी है और पुलिस के आक्रामक रुख की […]
चंडीगढ : पुलिस ने संत रामपाल के समर्थकों को आश्रम खाली करने के लिए 30 मिनट का समय दिया है. यदि आश्रम खाली नहीं किया गया तो पुलिस आगे कठोर कार्रवाई करेगी. ताजा खबरों के मुताबिक पुलिस संत रामपाल के आश्रम के अन्दर घुसने में कामयाब हो गयी है और पुलिस के आक्रामक रुख की वजह से रामपाल के समर्थक पीछे हट गए हैं. पुलिस ने बाबा रामपाल के सतलोक आश्रम की दीवार गिरा दी है और सूत्रों के मुताबिक आश्रम के अन्दर से धुआं उठता हुआ दिखायी दिया है.
जानकारी के मुताबिक बाबा के समर्थकों और पुलिस के बीच गोलीबारी हुई है. जिसमें दोनों तरफ से सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ये निर्देश खुफिया जानकारी के आधार पर जारी किए गए हैं. खुफिया जानकारी के अनुसार, रामपाल के अनुयायी दिल्ली जाने की योजना बना रहे हैं ताकि जंतर मंतर पर सतलोक आश्रम प्रमुख के समर्थन में धरना दिया जा सके.
सूत्रों ने कहा कि यातायात एवं आम पुलिस समेत सुरक्षा कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे दिल्ली जाने वाली निजी कारों, बसों, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ की सरकारी बसों और मालवाहक वाहनों की जांच करें.
सूत्रों ने आगे कहा कि सरकारी रेलवे पुलिस को भी निर्देश दिया गया है कि वह हरियाणा से दिल्ली जाने वाली ट्रेनों की जांच करे. सूत्रों ने कहा कि जिन लोगों पर सतलोक आश्रम के अनुयायी होने का संदेह पाया जा रहा है, उन्हें वाहनों से उतरने के लिए कहा जा रहा है. इन लोगों को अगले निर्देश मिलने तक बंधक बनाकर रखा जाना है और पर्याप्त सत्यापन के बाद ही जाने दिया जाएगा.
हरियाणा सरकार और रामपाल समर्थकों के बीच झड़प
हरियाणा सरकार और स्वयंभू संत रामपाल के समर्थकों के बीच आज भी गतिरोध दिखा. संत रामपाल को गिरफ्तार करने पुहंची पुलिस और समर्थकों के बीच कई घंटों तक झड़प हुई जिसमें कई लोग घायल हो गए. आश्रम को उनकी ‘निजी सेना’ ने बंधक बना लिया और अंदर से गोलीबारी शुरू कर दी जिसके बाद पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी. पुलिस की ओर से आंसू गैस भी छोड़े गए. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा अवमानना मामले में कल रामपाल की गिरफ्तारी के लिए शुक्रवार तक की समयसीमा दिए जाने के मद्देनजर अधिकारी सतलोक आश्रम के भीतर और बाहर मौजूद रामपाल के समर्थकों से वहां से हटने और अदालत के आदेश के पालन में मदद देने करने का आह्वान कर रहे हैं.
आश्रम में सैकड़ो लोगों को बनाया गया बंधक
आश्रम परिसर से बाहर निकलने में सफल रहे कुछ लोगों ने आज दावा किया कि अंदर हजारों लोग हैं और अधिकतर वहां से जाना चाहते हैं, लेकिन रामपाल के लाठीधरी समर्थकों ने उन्हें रोक रखा है. इन लोगों ने दावा किया कि यहां सतलोक आश्रम के भीतर अब भी मौजूद लोगों में बडी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं. उत्तर प्रदेश निवासी और खुद का नाम कुसुम बताने वाली 40 वर्षीय एक महिला अनुयायी ने कहा कि वह आज किसी तरह आश्रम से बाहर निकलने में सफल रही. उसने कहा, ‘‘मैं किसी तरह बाहर निकल आई. अब भी अनेक लोग भीतर हैं.’’ आश्रम से बाहर आई एक अन्य महिला अनुयायी ने कहा, ‘‘मैं दादरी की रहने वाली हूं. अब भी बहुत से लोग अंदर हैं और उनमें से अधिकतर बाहर आना चाहते हैं. लेकिन उन्हें आने नहीं दिया जा रहा.’’ यह पूछे जाने पर कि अंदर रुकने के लिए उन पर कौन दबाव बना रहा है, अलीगढ निवासी एक महिला अनुयायी ने कहा, ‘‘मैं बाहर आ गई. लोगों को भोजन पानी हासिल करने में मुश्किल हो रही है. लेकिन लाठीधारी कुछ लोगों ने हमसे अंदर ही रुके रहने को कहा और हमें रोकने की कोशिश की. उन्होंने हमसे कहा कि अदालत का फैसला जल्द आएगा और सबकुछ ठीक हो जएगा. हमने जिद की कि हम जाना चाहते हैं और हम समूह में बाहर आ गए.’’
झड़प में 100 रामपाल समर्थक और 15 पुलिस वाले घायल
हरियाणा के DGP SN Vashist ने कहा कि पुलिस ने संत रामपाल और उनके समर्थकों को 30 मिनट का अल्टीमेटम दिया है. पुलिस के साथ बाबा रामपाल के समर्थकों ने झड़प के अलावा गोलीबारी भी की है. समर्थकों की गोलीबारी में कई पुलिस वालों को भी गोली लगी है. अब तक इस गोलीबारी और झड़प में करीब 100 रामपाल समर्थक और 15 पुलिस के जवान घायल हुए हैं. मीडिया पर पुलिस के हमले को लेकर डीजीपी ने कहा कि मैंने मीडिया को घटना कवर करने को कहा था. हमारा उद्देश्य मीडिया को टारगेट नहीं करने का था. मैंने समाचार में देखा कि एक पत्रकार को पुलिस ने पीटा है और मैं इस बात को लेकर आश्वासन देता हूं कि इस मामले की जांच करायी जाएगी.
BEA (ब्रौडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन) ने पीएम से संज्ञान लेने की मांग की
देश के न्यूज चैनलों की सर्वमान्य संस्थाBEA (ब्रौडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन)ने कहा है कि इस समूचे मामले में पुलिस द्वारा बेक़सूर पत्रकारों को इस मामले की रिपोर्टिंग से रोकना और उनके कैमरे छीनकर उन पर हमला करना और उन्हें घायल करना किसी भी तरह से जायज नहीं है.BEAने इस समूची घटना में पुलिस द्वारा मीडिया पर किये गए हमले और दुर्व्यवहार की निंदा की है. टीवी पर चल रहे फुटेज के अनुसार पुलिस रामपाल समर्थकों को छोड़कर मीडिया पर टूट पड़ी जिसमें कई पत्रकारों को चोट आई. एक टीवी चैनल के रिपोर्टर को हाथ में गंभीर चोट लगी है यही नहीं उनका कैमरा और मोबाइल छीन कर तोड़ा भी गया है. पुलिस ने टकराव वाली जगह से मीडिया टीम को हटाया. एक अन्य न्यूज चैनल का कैमरा इस झड़प के दौरान टूट गया. इस झड़प में उस चैनल के ओवी वैन के ड्राइवर को भी चोट आई है. इसके अलावाBEA ने कहा है कि मीडिया के अधिकारों के हनन से जुड़े इस मुद्दे पर स्वयं प्रधानमंत्री को इस मामले में संज्ञान लेते हुए, सभी दोषियों पर उचित कारवायी करनी चाहिए.
रामपालआश्रम में नहीं
आश्रम के प्रवक्ता राज कपूर ने कहा कि यदि संत रामपाल के खिलाफ मामला है तो उसकी सीबीआई से जांच करवानी चहिए. उन्होंने कहा कि बाबा आश्रम में नहीं हैं और हम नहीं बतायेंगे की वे कहां हैं. वहीं इस संबंध में सरकारी वकील ने कहा कि रामपाल की जमानत रद्द होनी चाहिए. रामपाल की निजी सेना से कोर्ट नाराज है. उनको अदालती कार्रवाई में सहयोग करना चाहिए. उन्होंने आश्रम की किलेबंदी कर ली है. जमानत रद्द होने पर कोर्ट का फैसला सुरक्षित है.
हुड्डा के निशाने पर सरकार
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि इस समस्या का हल जल्द निकलना चाहिए. कानून व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है. मीडिया किसी एक पक्ष की नहीं होती है. आम आदमी पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि एक बाबा को जेड सिक्यूरिटी मिली है. एक बाबा मंत्रियों के प्रार्थना में जुटा है. एक कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहा है. सरकार अब इन बाबाओं से कैसे निपटेगी.