पुष्प वर्षा से लेकर रिमोट कंट्रोल ट्रॉली और सस्ते थर्मल स्कैनर तक, जानिए covid-19 के खिलाफ सेना और डीआरडीओ के नये आविष्कार
चाहे रेलवे के बोगियों को आइसोलेशन वार्डों में परिवर्तित करना हो, या हैंड सैनिटाइज़र बनाने के लिए छात्रों का एक साथ आना, सभी लिहाज में पूरा देश कोरोना के खिलाफ जंग में एकजुट है
पूरी दुनिया में कोरोना का आतंक है. हर देश इससे जूझ रहा है. भारत में भी कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है. हालांकि, लॉकडाउन और दुरुस्त स्वास्थ्य व्वस्था के कारण अन्य देशों की अपेक्षा भारत में स्थिति कुछ नियंत्रण में है. ऐसे में सेना और डीआरडीओ के नए इनोवेशन ने कोरोना की जंग में देश को और मजबूती दे दी है. सबसे बड़ी बात है की COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में कम लागत और आसानी से उपलब्ध संसाधनों का भरपूर इस्तेमाल हो रहा है. फिर चाहे रेलवे के बोगियों को आइसोलेशन वार्डों में परिवर्तित करना हो, या हैंड सैनिटाइज़र बनाने के लिए छात्रों का एक साथ आना, सभी लिहाज में पूरा देश कोरोना के खिलाफ जंग में एकजुट है. अब एक बार फिर डीआरडीओ और सेना के बनाए उपकरण कोरोना से लोहा लेने के लिए तैयार हैं. हम बताते है क्या है COVID-19 के खिलाफ भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और डीआरडीओ के बनाए उपकरणों और उनकी विशेषता…
डीआरडीओ का स्पेशल सूट : डीआरडीओ ने कोरोना फाइटर के लिए एक बायो सूट बनाया है, ताकि उन्हें कोरोनो वायरस बीमारी से लड़ने में मदद मिल सके. डीआरडीओ के बनाए गए बायोसूट में एक स्पेशल फीचर है. कहा जाता है कि डीआरडीओ ने पनडुब्बी अनुप्रयोगों में प्रयुक्त सीलेंट के आधार पर सीलिंग टेप के विकल्प के रूप में एक विशेष सीलेंट तैयार किया है. जो कोरोना के खिलाफ ज्यादा इफेक्टिव है.
इंडियन आर्मी की रिमोट कंट्रोल ट्रॉलीभारतीय सेना के इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स ने स्वास्थ्य सेवा में लगे कर्मचारियों और अन्य कोरोना फाइटर तक ज़रूरी सामान पहुंचाने के लिए रिमोट-कंट्रोल ट्रॉली बनाई है. रिमोट कंट्रोल से संचालित इस ट्रॉली में वॉश बेसिन और डस्टबिन भी है. ट्रॉली में स्टोरेज स्पेस भी है जो अस्पतालों और आईसोलेशन वार्ड में इस्तेमाल किया जा सकता है.
इंडियन नेवी ने बनाया इन-हाउस पोर्टेबल मल्टीफीडर ऑक्सीजन सिस्टम : भारतीय नौसेना ने एक ऐसा इन-हाउस पोर्टेबल ऑक्सीजन मल्टीफीडर बनाया है जो COVID-19 से पीड़ित छह मरीजों के लिए एक साथ इस्तेमाल किया जा सकता है. पोर्टेबल मल्टी-फीड ऑक्सीजन मैनिफोल्ड के रूप में बनाया गया है, जिससे एक ही ऑक्सीजन सिलेंडर से छह रोगियों को ऑक्सीजन पहुंचाया जा सकता है.
भारतीय सेना का लो-कॉस्ट वाला थर्मल स्कैनर : भारतीय सेना ने चिकित्साकर्मियों को कोरोना वायरस बीमारी से लड़ने में मदद करने के लिए कई कम लागत वाले चीजों का विकास किया है. जिसमें सर्जिकल मास्क, हैंड सैनिटाइजर, एंटी-एयरोसोलाइजेशन बॉक्स और थर्मल स्कैनर शामिल हैं. इन चीजों के इस्तेमाल से कोरोना संक्रमण का खतरा कम हो जाता है.
ऑटोमैटिक हैंड सैनिटाइज़र : फायर एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी दिल्ली ने आग दमन के लिए मिस्ट टेक्नोलॉजी में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए ऑटोमैटिक मिस्ट बेस्ड सैनिटाइजर डिस्पेंसिंग यूनिट बनाई है. ये एक कॉन्टैक्टलेस सैनिटाइज़र डिस्पेंसर है, जो कार्यालय परिसर आदि में प्रवेश करते समय हाथों के सैनिटाइजेशन के लिए अल्कोहल बेस्ड हाथ रगड़ने वाले सैनिटाइज़र घोल का छिड़काव करता है.