राहुल गांधी के कार्यालय पर हुए हमले में SFI के 19 कार्यकर्ता गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला
केरल के वायनाड में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कार्यालय पर कुछ लोगों ने हमला किया था. अब मामले में एसएफआई के 19 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. इस संबंध में आज और गिरफ्तारियां होने की संभावना है.
केरल के वायनाड में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कार्यालय पर हुए हमले के संबंध में सत्तारूढ़ माकपा की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के 19 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. इस संबंध में आज और गिरफ्तारियां होने की संभावना है.
एसएफआई के कार्यकर्ता गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी व्यक्तियों की पहचान एसएफआई के स्थानीय कार्यकर्ताओं के रूप में हुई है और एक अदालत ने उन्हें दो सप्ताह के लिये हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने बताया, “अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कुछ और लोगों को हिरासत में लिया गया है और आज और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है. फिलहाल मामले की जांच मनंतवाडी के पुलिस उपाधीक्षक कर रहे हैं और जल्द ही इसे एडीजीपी के नेतृत्व वाले विशेष जांच दल को सौंप दिया जाएगा.”
#WATCH | Indian Youth Congress protests outside CPI(M) HQ in Delhi over vandalisation at Congress MP Rahul Gandhi's office in Wayanad, by SFI. pic.twitter.com/vI8n66nkKn
— ANI (@ANI) June 25, 2022
कांग्रेस ने लगाया ये आरोप
राहुल गांधी के कार्यालय में तोड़फोड़ के कुछ घंटों बाद वाम सरकार ने शुक्रवार रात एडीजीपी रैंक के एक अधिकारी से उच्च स्तरीय जांच कराने का आदेश दिया था, जबकि कलपेट्टा के पुलिस उपाधीक्षक को निलंबित कर दिया था. इस बीच, विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के कार्यालय में तोड़फोड़ और हिंसा सत्तारूढ़ मार्क्सवादी पार्टी और उसके शीर्ष नेतृत्व की जानकारी में की गई.
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वी.डी सतीशन ने किया ये दावा
कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी सतीशन आज सुबह क्षतिग्रस्त कार्यालय पहुंचे और दावा किया कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की जानकारी में यह सबकुछ किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज का एक पूर्व निजी कर्मचारी यहां गांधी के कार्यालय पर हुए हमले में शामिल था. कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री विजयन ने कड़े शब्दों में कहा कि यह भूमि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक तरीके से होने वाले विरोध-प्रदर्शन का समर्थन करती है, लेकिन अगर हिंसा होती है, तो यह गलत है. (भाषा)