देहरादून:एक ओर जहां उत्तराखंड त्रासदी से जूझ रहा है वहीं दूसरी ओर इस पर राजनीति जारी है. बुधवार को लोगों की सहानुभूति लेने की होड़ में कांग्रेस और टीडीपी के नेता देहरादून हवाई अड्डे पर भिड़ गये. झगड़ा फंसे हुए तीर्थयात्रियों को निकालने को लेकर हुआ. जिस वक्त दोनों दलों के नेताओं में हाथापाई हो रही थी उस वक्त कांग्रेस के सांसद हनुमंत राव भी वहीं मौजूद थे. उनके साथ भी धक्का मुक्की हुई. हनुमंत राव और टीडीपी सांसद रमेश राठौड़ के बीच भी हाथापाई हुई.
एमआई-17 का कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर मिला,सभी मारे गए
उत्तरांखड के गौरीकुंड में कल दुर्घटनाग्रस्त हुए वायुसेना के हेलीकॉप्टर एमआई-17 का कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर बरामद कर लिया है. इस बीच वायुसेना प्रमुख एन ए के ब्राउन ने हादसे का शिकार हुए इस हेलीकॉप्टर पर सवार 20 लोगों में से किसी के भी बचने की संभावना से इनकार किया है.वहीं दूसरी ओर,आपदा प्रभावित उत्तराखंड में बुधवार सुबह से बारिश एवं घने कोहरे की वजह से बचाव कार्य में देरी हो रही है. मंगलवार को हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद, सावधानी बरती जा रही है ताकि ऐसा हादसा दोबारा न हो.
वायुसेना अधिकारियों और जवानों से मुखातिब होने के बाद ब्राउन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सौभाग्य से, हमने कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर बरामद कर लिया है. और, मुङो लगता है कि हम कुछ ही दिनों में इस दुर्घटना के सही कारणों का पता लगा लेंगे.’’ उन्होंने कहा कि इस समय इस दुर्घटना के पीछे के कारणों पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी. ब्राउन ने कहा कि उन्हें बताया कि हेलीकॉप्टर पर सवार सभी 20 लोगों में से किसी के भी बचने की संभावना नहीं है. इनमें वायुसेना के पांच, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के छह जवान और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) के नौ लोग शामिल थे.
ब्राउन से जब पूछा गया कि क्या यहां सुरक्षा पैमाने की अनदेखी की गई है, तो उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक अनदेखी का सवाल है, तो मैं ऐसा नहीं कहूंगा. पहाड़ों में, विशेषकर मानसून के दौरान, मौसम की समस्या हमेशा बनी रहती है. लेकिन, इस समय हम निश्चित रुप से यह नहीं बता सकते कि इस दुर्घटना का कारण मौसम था या कोई तकनीकी समस्या.’’उन्होंने कहा कि बचाव अभियान के दौरान जोखिम हमेशा बना रहता है और हर दिन इसकी समीक्षा की जाती है. उन्होंने कहा कि वायुसेना के पायलट बेहद योग्य और इस तरह के अभियान कार्यान्वित करने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं और हमारे जवानों का मनोबल बेहद उंचा बना हुआ है. बचाव अभियान में शामिल वायुसेना के जवानों और दूसरी एजेंसियों ने ‘बेहद शानदार’ ढंग से काम किया है.
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ब्राउन ने कहा कि अगर वायुसेना को तीन से चार दिनों तक अच्छा मौसम मिलता है, तो वह अपना अभियान पूरा कर लेगा. उन्होंने कहा, ‘‘अगर शुक्रवार से मौसम सुधरने लगता है, तो सोमवार, मंगलवार तक हम यह सब (अभियान) पूरा कर लेंगे.’’ इस बीच वायुसेना के सूत्रों ने बताया कि कल रात भर चले तलाशी अभियान के दौरान वायुसेना के गरड़ कमांडो ने गौरीकुंड के पास से चार और शव बरामद किए हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कल हुए इस हादसे के बाद से आज सुबह तक वहां 12 शव मिल चुके हैं. उन्होंने बताया कि मरने वालों में से पांच वायुसेना के अधिकारी हैं, जबकि बाकियों की पहचान अभी तक नहीं हो पायी है. इस हादसे में शहीद हुए वायुसेना कर्मियों में एक विंग कमांडर, दो फ्लाइट लेफ्टिनेंट, एक जूनियर वारंट अफसर और एक साज्रेंट शामिल हैं.
वायुसेना के एक प्रवक्ता के मुताबिक, एमआई-17 वी-5 हेलीकॉप्टर गोचर से गुप्तकाशी और केदारनाथ में जारी बचाव अभियान में जुटा था, जहां से लौटते समय कल दोपहर गौरीकुंड के उत्तर में यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. उत्तराखंड में मुश्किल मौसम के बावजूद बचाव अभियान में जुटे पायलटों की हौसला अफजाई करने के लिए आज सुबह यहां पहुंचे ब्राउन ने कहा कि बचाव अभियान पूरा हो जाने के बाद वायुसेना राज्य में बुनियादी ढांचों की मरम्मत के काम में जुट जाएगी, जिसके लिए इसे भारी उपकरण लाने होंगे. ब्राउन ने इस काम में वायुसेना की मदद करने के लिए स्थानीय प्रशासन की भी प्रशंसा की.
ब्राउन ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए वायुसेना, एनडीआरएफ और आईटीबीपी ‘योद्धाओं’ की मौत पर दुख जताया और कहा, ‘‘हमारे हेलीकॉप्टर उड़ान भरना बंद नहीं करेंगे. हम तब तक इस काम में जुटे रहेंगे, जब तक कि सभी लोग वहां से निकाल लिये नहीं जाते.’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘हमारा बचाव अभियान जारी रहेगा. हकीकत में, हमारा ज्यादातर काम पूरा हो चुका है. अब बस बद्रीनाथ और हर्सिल सेक्टर से लोगों को बाहर निकालने का काम बचा है.’’ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
प्रधानमंत्री ने कल कहा, ‘‘राहत अभियान के दौरान हुई यह दुर्घटना मेरे लिए एक बहुत बड़े आघात के समान है. इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के प्रति मेरी संवेदना है. हजारों लोगों को बचाने के काम में निस्वार्थ भाव से जुटे हमारे इन नायकों की मौत पर मेरे साथ पूरा राष्ट्र शोकग्रस्त है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बल उत्तराखंड में बचाव और राहत के काम में बहादुरी से जुटे हुए हैं. अपना यह काम जारी रखना उन लोगों के प्रति सबसे अच्छी श्रद्धांजलि होगी.’’वायुसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस हादसे के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वाइरी का आदेश दे दिया गया है.
वायुसेना ने कहा है कि क्षेत्र में उसका अभियान जारी रहेगा. गौरतलब है कि वायुसेना ने रुस को 80 एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों का आर्डर देने के बाद पिछले साल ही इन हेलीकॉप्टरों को अपने बेड़े में शामिल किया था. उत्तराखंड में इस सप्ताह हेलीकॉप्टर दुर्घटना की यह दूसरी घटना थी. इससे पहले रविवार को गौरीकुंड क्षेत्र में एक निजी हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें हेलीकॉप्टर का पायलट घायल हो गया था.
बहुगुणा ने दस लाख व मोदी ने पांच लाख की मदद का किया ऐलान
देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने राज्य में वायुसेना के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना में लोगों के मारे जाने पर दुख जताते हुए सुरक्षा कर्मियों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है.बहुगुणा ने कहा, ‘‘मुङो इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर गहरा दुख हुआ है. इसमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य कर रहे सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं.’’
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में बचाव अभियान में लगे एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से मारे गए वायुसेना कर्मियों के परिवारों के लिए पांच लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है.मोदी ने ट्वीट के जरिए कहा, ‘‘उत्तराखंड में लोगों की जान बचाते हुए अपना जीवन जान न्यौछावर करने वाले जवानों को मैं सलाम करता हूं. गुजरात सरकार उनके परिवारों को पांच लाख रुपये देगी.’’