चंडीगढ : कोर्ट में संत रामपाल की पेशी के बाद उन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. रामपाल की रात हिसार के सिविल लाईन थाने में कटी. टीवी रिपोर्ट के अनुसार उसको मुंशी के बैठने की जगह के बगल वाले हवालात में रखा गया. उसकी सुरक्षा में चार संतरी थे. रात को जब उनसे खाने के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि वह खा कर आया है. उन्होंने रात को पानी मांगा, सुबह तक रामपाल ने आधी बोतल पानी पी. सुबह उन्होंने एक कप चाय पी.
आज रामपाल के आश्रम का सर्च किया जाएगा. विवादास्पद ‘स्वयंभू संत’ रामपाल की मुश्किलें उस समय और बढ गयीं जब पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक हत्याकांड में उसकी जमानत रद्द कर दी और जेल भेज दिया वहीं पुलिस ने बुधवार रात रामपाल की गिरफ्तारी से पहले तक आश्रम में चले गतिरोध के बीच छह लोगों की मौत को लेकर उसके खिलाफ हत्या तथा हिंसा के आरोप दर्ज किये गये.
गिरफ्तार किये गये रामपाल को उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष गुरूवार को दोपहर दो बजे पेश किया गया जिसने अवमानना के एक मामले में उसकी पेशी के लिए कल की समयसीमा तय की थी. उसे 28 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जिस दिन अगली सुनवाई होगी. हरियाणा पुलिस ने इस अभियान को सफल बताते हुए रामपाल पर हत्या के आरोप दर्ज किये और अभियान के दौरान बने रहे गतिरोध के मद्देनजर जांच के लिए विशेष जांच दल :एसआईटी: का गठन किया. पुलिस ने 469 लोगों को भी गिरफ्तार किया जिनमें तीन लोग नेपाल के हैं.
स्वस्थ है रामपाल
पहले तीन बार स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अदालत में पेश नहीं हुए 63 वर्षीय रामपाल को बुधवार सुबह पंचकूला के एक सरकारी अस्पताल में जरुरी चिकित्सा जांच के लिए ले जाया गया और उसके सभी स्वास्थ्य संबंधी मापदंड सही पाये गए. न्यायमूर्ति एम जयपॉल और न्यायमूर्ति दर्शन सिंह की पीठ ने कल सुबह सुनवाई के दौरान 2006 में दर्ज हत्या के एक मामले में रामपाल की जमानत रद्द कर दी. साल 2006 में रोहतक जिले के कैंथोला में रामपाल के आश्रम में संघर्ष के बाद एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी थी और कुछ अन्य घायल हो गये थे.
हिंसा के सिलसिले में रामपाल के खिलाफ दो नये मामले दर्ज किये गये
हिसार के बरवाला में 12 एकड में फैले आश्रम से रामपाल को पकडने के एक दिन बाद प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एस एन वशिष्ठ ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आश्रम में पांच महिलाओं और एक नवजात की मौत के सिलसिले में तथा मंगलवार को हुई हिंसा के सिलसिले में रामपाल के खिलाफ दो नये मामले दर्ज किये गये हैं. मारे गये लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भीतरी चोट लगने की बात पता चली है लेकिन मौत के वास्तविक कारणों का पता फोरेंसिक और रासायनिक परीक्षण के बाद ही चलेगा. अब आश्रम से रामपाल के समर्थकों को पूरी तरह निकाल दिया गया है और पुलिस के विशेष दल परिसर में सघन जांच कर रहे हैं जहां से ‘स्वयंभू संत’ की ‘निजी सेना’ ने पुलिस के खिलाफ हथियारों और पेट्रोल बमों का इस्तेमाल किया था. हिंसा में कुल 105 पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे. दो गोली लगने से घायल हुए जिनमें से एक की हालत गंभीर है.