नयी दिल्ली : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की गिनती तेजी से सीखने वाले नेताओं में होती है. इसकी छाप आज दिल्ली के एक कार्यक्रम के दौरान देखने को मिली. उन्होंने एक तीर से कई निशाने साधने का काम किया.
फडणवीस ने यहां ‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप सम्मिट’ में आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाते समय उन्हें कई कठिनाईयों से गुजरना पड़ा. उन्होंने कहा कि यदि मैं सरकार नहीं बनाता तो दिल्ली में केजरीवाल की सरकार की तरह मुझे भी भागना पड़ता. उल्लेखनीय है कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं और यहां आम आदमी पार्टी को भाजपा का मुख्य प्रतिद्वंदी माना जा रहा है.
फडणवीस ने कहा कि एनसीपी ने बिना शर्त समर्थन देने की बात कही थी जिसे हमने नकार दिया क्योंकि भाजपा और शिवसेना के बीच बातचीत चल रही थी. उन्होंने कहा कि शिवसेना हमेशा से भाजपा का मित्र दल रहा है और भविष्य में भी हम मित्र रहेंगे. अपने इस बयान से उन्होंने महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गंठबंधन के टूटने से नाराज अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को तसल्ली देने का काम किया है.
उनका यह बयान उस वक्त आया है जब दो दिनों पहले केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता राजीव प्रताप रुडी ने उम्मीद जताई थी कि शिवसेना के साथ बातचीत में कुछ अच्छा निकलकर सामने आएगा. दोनों दलों में सुलह करने और गठबंधन को लेकर दबाव बढ रहा है ताकि एनसीपी से दूरी रखी जा सके.
फडणवीस ने कहा कि भाजपा और शिवसेना के बीच आरएसएस मध्यस्थता नहीं कर रहा है. दोनों दलों के बीच विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन टूट गया था. विश्वास मत प्रस्ताव पर मतदान को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने 22 साल के अपने राजनीतिक जीवन में इस तरह की आलोचना का कभी सामना नहीं किया जितना विश्वास प्रस्ताव का सामना करने के बाद तीन दिन में किया.