…अब अमरनाथ यात्रा पर निकली हैं मां-बेटी

जम्मू : ‘‘हमने पुलों और भवनों को ढहते हुए देखा.. हर तरफ विनाश की लीला थी.. गंगाजी में लाशें तैर रही थी..’’ हालांकि उत्तराखंड में तीर्थ के लिए गए लगभग सभी लोग इसी तरह के दृश्य का वर्णन करते हैं, लेकिन इस मंजर का जिक्र करने वाली मां और बेटी की जोड़ी उनसे अलग हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:53 PM

जम्मू : ‘‘हमने पुलों और भवनों को ढहते हुए देखा.. हर तरफ विनाश की लीला थी.. गंगाजी में लाशें तैर रही थी..’’ हालांकि उत्तराखंड में तीर्थ के लिए गए लगभग सभी लोग इसी तरह के दृश्य का वर्णन करते हैं, लेकिन इस मंजर का जिक्र करने वाली मां और बेटी की जोड़ी उनसे अलग हैं. उत्तराखंड में कुदरत के कहर के बाद उनके हौसले पस्त नहीं हैं और दोनों अब अमरनाथ यात्रा के लिए पहुंच गई हैं.

कविता गुप्ता और उनकी बेटी सोनिया गुप्ता चार धाम की यात्रा पर गई थीं, लेकिन इस बीच वहां आए कुदरत के कहर के चलते उन्हें यात्रा बीच में रोकनी पड़ी. हरिद्वार की यह मां-बेटी बुलंद हौसलों के साथ आज अमरनाथ की कठिन-कठोर यात्रा के लिए आधार शिविर जम्मू पहुंच गई. कविता और उनकी बेटी कहती हैं कि लोगों को तीर्थयात्रा पर जाने की अपनी योजना रोकनी नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें सुरक्षित यात्रा के लिए प्रार्थना करनी चाहिए. पूर्व में अमरनाथ यात्रा के पहले दिन का पंजीकरण करा चुकी कविता ने कहा, ‘‘हम चार धाम यात्रा पर थे, जब हमें बादल फटने की खबर सुन कर देहरादून में ही रुकना पड़ा. देहरादून में कुछ समय इंतजार करने के बाद हम अपने घर लौट गए.’’

कविता ने कुदरत का कहर झेल रहे उत्तराखंड के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि हर तरफ विनाश की लीला थी. उनकी बेटी सोनिया ने बताया कि कैसे गंगा नदी उफान पर थी और पानी उफन कर हर तरफ फैल गया था. ‘हर की पौड़ी’ में बाजार में हर तरफ पानी भर गया था. बाढ़ के इस पानी से हर तरफ कीचड़ फैल गयी. उन्होंने बताया, ‘‘हर की पौड़ी में पानी जीनों से उपर चला गया था और बाजार में फैल गया था. वहां हर तरफ कीचड़ है.’’ बहरहाल, मां-बेटी एक दूसरी कठिन-कठोर यात्रा पर जाने से नहीं डर रही हैं. इस बार उनकी यह यात्रा जम्मू-कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में होने वाली है. कविता ने कहा, ‘‘मुझे कोई डर नहीं है. यह कहीं भी हो सकता है.’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं पवित्र गुफा में प्रार्थना करुंगी कि इस तरह का विनाश दोबारा नहीं हो.’’

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