आधे हिंदुस्तानियों को मिल गया है आधार नंबर

नयी दिल्ली : देश में अबतक 61 करोड़ से अधिक लोगों को आधार जारी किया जा चुका है. यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त की गयी है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मार्च 2014 तक देश में 61 करोड 87 हजार 769 आधार सृजित किये गए हैं. प्राधिकरण से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2014 4:56 PM

नयी दिल्ली : देश में अबतक 61 करोड़ से अधिक लोगों को आधार जारी किया जा चुका है. यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त की गयी है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मार्च 2014 तक देश में 61 करोड 87 हजार 769 आधार सृजित किये गए हैं.

प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस दौरान महाराष्ट्र में सबसे अधिक 8.58 करोड आधार सृजित किये गए जबकि आंधप्रदेश में 7.98 करोड आधार जारी किये गए. तमिलनाडु में 4.53 करोड आधार जारी किये गए जबकि कर्नाटक में 4.37 करोड आधार सृजित किये गए.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकार (यूआईडीएआई) के अनुसार, यूआईडी किसी व्यक्ति को प्रदत्त 12 अंकों की पहचान है जो उसकी कुछ विशिष्ठताओं को प्रदर्शित करता है. बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली के माध्यम से यह सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक व्यक्ति को एक और केवल एक यूआईडी ही प्रदान की जाए. आरटीआई के तहत प्राधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नये यूआईडी प्रदान करने का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि डुप्लीकेटों को वैध यूआईडी नंबर नहीं प्राप्त हो सके.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल में 4.03 करोड आधार सृजित किये गए जबकि राजस्थान में 3.96 करोड आधार जारी किये गए. केरल में 3.06 करोड आधार जारी किये गए और गुजरात में 3.15 करोड आधार सृजित हुए.दिल्ली स्थित आरटीआई कार्यकर्ता गोपाल प्रसाद ने सरकार से यह पूछा था कि यूआईडीएआई के लक्ष्य के अनुरूप कितनी आधार संख्या सृजित की गई है.
आरटीआई के तहत प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश में 4.47 करोड आधार जारी किये गए जबकि झारखंड में 2.61 करोड आधार सृजित हुए. उत्तरप्रदेश में 2.94 करोड आधार जारी किये गए, ओडिशा में 1.97 करोड आधार सृजित हुए. हरियाणा में 1.89 करोड, दिल्ली में 1.68 करोड आधार जारी किये गए.
यूआईडीएआई के अनुसार, ‘‘ प्रत्येक निवासी को एक और केवल एक यूआईडी नंबर प्राप्त होगा. इस संबंध में 1.2 अरब आबादी को सटीक ढंग से इसके दायरे में बायोमेट्रिक्स के उपयोग से ही लाया जा सकता है. इसके तहत अंगुली का निशाना, आंखों की पुतली, चेहरे के ढांचे आदि को दर्ज किया जाता है.’’

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