Emergency In India: पीएम मोदी ने इमरजेंसी को बताया काला दिन, नड्डा बोले- लोकतंत्र की हुई थी हत्या
इमरजेंसी को याद करते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया और लिखा, 25 जून 1975 को एक परिवार ने अपने तानाशाही प्रवृत्ति के कारण देश के महान लोकतंत्र की हत्या कर आपातकाल जैसा कलंक थोपा था.
48 साल पहले आज ही के दिन देश में इमरजेंसी लगायी गयी थी. 25 जून 1975 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कथित इशारे पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने पूरे देश में आपातकाल लागू करने का ऐलान किया था. इस दिन को काला दिवस के रूप में याद किया जाता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दिन को याद करते हुए ट्वीट किया. पीएम मोदी ने आपातकाल की बरसी पर कहा कि यह भारतीय इतिहास का वह कालखंड है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है.
पीएम मोदी ने आपातकाल का विरोध करने वालों को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट किया और लिखा, मैं उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और हमारी लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए काम किया. आपातकाल के काले दिन हमारे इतिहास का वह कालखंड हैं, जिसे भुलाया नहीं जा सकता है. यह हमारे संवैधानिक मूल्यों के बिल्कुल विपरीत था.
"I pay homage to all those courageous people who resisted the Emergency and worked to strengthen our democratic spirit. The dark days of Emergency remain an unforgettable period in our history, totally opposite to the values our Constitution celebrates, tweets PM Narendra Modi… pic.twitter.com/B4HBi4vf6Z
— ANI (@ANI) June 25, 2023
करीब दो साल देश में लगा इमरजेंसी
गौरतलब है कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की गई थी और उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. आपातकाल को 21 मार्च 1977 को हटा लिया गया था.
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एक परिवार की तानाशाही के कारण लोकतंत्र की हत्या कर आपातकाल थोपा गया : नड्डा
इमरजेंसी को याद करते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया और लिखा, 25 जून 1975 को एक परिवार ने अपने तानाशाही प्रवृत्ति के कारण देश के महान लोकतंत्र की हत्या कर आपातकाल जैसा कलंक थोपा था. जिसकी निर्दयता ने सैकड़ों वर्षों के विदेशी शासन के अत्याचार को भी पीछे छोड़ दिया. ऐसे कठिन समय में असीम यातनाएं सहकर लोकतंत्र की स्थापना के लिए संघर्ष करने वाले सभी राष्ट्र भक्तों को नमन करता हूं.
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25 जून 1975 को एक परिवार ने अपने तानाशाही प्रवृत्ति के कारण देश के महान लोकतंत्र की हत्या कर आपातकाल जैसा कलंक थोपा था।
जिसकी निर्दयता ने सैकड़ों वर्षों के विदेशी शासन के अत्याचार को भी पीछे छोड़ दिया।
ऐसे कठिन समय में असीम यातनाएं सहकर लोकतंत्र की स्थापना के लिए संघर्ष करने…
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 25, 2023