मेट्रो डेयरी मामले में आया था एचके द्विवेदी का नाम, अब ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव का दिया काम
Bengal New Chief Secretary: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार आलापन बंद्योपाध्याय को केंद्र सरकार के मिले नोटिस के बीच एचके द्विवेदी को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाया गया है. उन्होंने मंगलवार को अपना पदभार ग्रहण भी कर लिया. एचके द्विवेदी साल 1988 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और आलापन बंद्योपाध्याय से एक साल जूनियर हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार आलापन बंद्योपाध्याय को केंद्र सरकार के मिले नोटिस के बीच एचके द्विवेदी को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाया गया है. उन्होंने मंगलवार को अपना पदभार ग्रहण भी कर लिया. एचके द्विवेदी साल 1988 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और आलापन बंद्योपाध्याय से एक साल जूनियर हैं. नए मुख्य सचिव को मेट्रो डेयरी से जुड़े मामले में ईडी का नोटिस भी मिल चुका है. राज्य के मुख्य सचिव बनाए जाने के पहले एचके द्विवेदी वित्त विभाग के सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं.
Also Read: केंद्र से ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार आलापन बंद्योपाध्याय को शोकॉज, तीन दिनों में जवाब देने के निर्देश ममता के पुराने सहयोगी एचके द्विवेदीअगर एचके द्विवेदी के करियर की बात करें तो अरसे से वो ममता बनर्जी के साथ काम कर रहे हैं. पूर्व मुख्य सचिव राजीव सिन्हा के रिटायरमेंट के बाद आलापन बंद्योपाध्याय को राज्य के चीफ सेक्रेटरी का जिम्मा दिया गया था. अब, आलापन बंद्योपाध्याय रिटायर हो चुके हैं और उन्हें सीएम का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया है. गृह सचिव के पद पर काम कर रहे एचके द्विवेदी को मुख्य सचिव का जिम्मा दिया गया है. माना जाता है कि एचके द्विवेदी पर सीएम ममता बनर्जी काफी भरोसा करती हैं. लिहाजा, उन्हें राज्य का नया मुख्य सचिव बनाने का फैसला लिया गया है.
एचके द्विवेदी को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की नोटिस भी मिल चुकी है. कांग्रेस के सीनियर लीडर अधीर रंजन चौधरी ने साल 2018 में कलकत्ता हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी. इसमें मेट्रो डेयरी के शेयरों को राजनीतिक और वित्तीय फायदे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था. दरअसल, राज्य सरकार ने साल 2017 में मेट्रो डेयरी में अपनी पूरी 47 फीसदी हिस्सेदारी केवेंटर कंपनी को 84.5 करोड़ रुपए में बेचने का फैसला लिया था. इसी को लेकर मामला दायर किया गया. इसी मामले की जांच के दौरान ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को देखते हुए तत्कालीन गृह सचिव एचके द्विवेदी को नोटिस भेजा था.