नई दिल्ली : विशेष टाडा अदालत ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता और प्रतिबंधित संगठन जेकेएलएफ (जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट) के प्रमुख यासीन मलिक के खिलाफ नया वारंट जारी किया है. अलगाववादी नेता यासीन मलिक पर वर्ष 1990 में स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना समेत वायु सेना के तीन अन्य अधिकारियों की हत्या में शामिल होने का आरोप है. मामले की जांच कर रही एजेंसी सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) की वकील मोनिका कोहली ने बताया कि विशेष टाडा अदालत ने बुधवार को पेश होने के लिए यासीन मलिक के खिलाफ वारंट जारी किया है. इस मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, टेरर फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे यासीन मलिक पर वायुसेना के अधिकारी स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना समेत चार लोगों की हत्या में शामिल होने का आरोप है. मामले के अनुसार, 25 जनवरी 1990 को जेकेएलएफ के आतंकवादियों ने स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना समेत भारतीय वायुसेना के चार कर्मचारियों की हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में अलगाववादी नेता यासीन मलिक के शामिल होने का आरोप है. इस मामले में यासीन मलिक को करीब दो बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है.
वहीं, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 31 अगस्त, 1990 को मामले के संबंध में यासीन मलिक को जम्मू में टाडा अदालत के समक्ष चार्जशीट किया था. स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना अपने दिवंगत पति के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रही हैं. मार्च 2020 में एक टाडा अदालत ने यह पाया कि वायुसेना अधिकारी और तीन अन्य कर्मचारियों की हत्या का अनुमान लगाने के लिए सबूत पर्याप्त हैं कि आरोपी यासीन मलिकऔर अन्य ने प्रथम दृष्टया भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के अधिकारी स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की हत्या का अपराध किया है.
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मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 1990 में वायुसेना के अधिकारी स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना समेत चार लोगों की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टाडा अदालत से दोषी ठहराए गए अलगाववादी नेता और प्रतिबंधित जेकेएलएफ के प्रमुख यासीन मलिक की मौत की सजा की मांग की थी. सीबीआई की वकील मोनिका कोहली ने मीडिया को बताया कि टाडा अदालत ने बुधवार यासीन मलिक के लिए पेशी वारंट जारी किया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी.