हैदराबाद हवाईअड्डे के नाम से एनटीआर हटाने पर नहीं मानी सरकार, रास में हंगामा
नयी दिल्ली: हैदराबाद हवाई अड्डे का नाम बदलने को लेकर आज सदन में क्रांग्रेस ने भारी हंगामा किया. राज्य के घरेलू हवाईअड्डे के नाम से एनटीआर हटाने और इस पर पुनर्विचार करने की बात को राज्य सरकार ने सिरे से नकार दिया था. इस मुद्दे पर हुए भारी हंगामे के कारण सदन की बैठक दो […]
नयी दिल्ली: हैदराबाद हवाई अड्डे का नाम बदलने को लेकर आज सदन में क्रांग्रेस ने भारी हंगामा किया. राज्य के घरेलू हवाईअड्डे के नाम से एनटीआर हटाने और इस पर पुनर्विचार करने की बात को राज्य सरकार ने सिरे से नकार दिया था. इस मुद्दे पर हुए भारी हंगामे के कारण सदन की बैठक दो बार के स्थगित कर दी गयी. बाद में दोपहर दो बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
सरकार ने स्पष्ट किया कि हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से राजीव गांधी का नाम नहीं हटाया गया है. लेकिन वहां घरेलू टर्मिनल को एन टी रामाराव के नाम पर रखने के फैसले पर पुनर्विचार नहीं होगा. कांग्रेस के आनंद शर्मा, आनंद भास्कर रापोलू सहित कई सदस्यों ने आरोप लगाया कि हैदराबाद के शमसाबाद हवाईअड्डे का नाम राजीव गांधी पर रखा गया था, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने इसका नाम बदल कर पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान किया है.
इस मामले में सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा ‘हम किसी का असम्मान नहीं कर रहे हैं’. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा किसी का अपमान करने की नहीं है. उन्होंने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है. राजीव गांधी और एनटी रामाराव दोनों ही देश के सम्मानित नेता हैं. शमसाबाद हवाईअड्डे के अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल का नाम राजीव गांधी के नाम पर है और इसे बदला नहीं गया है. इसके घरेलू टर्मिनल का नाम एनटी रामाराव के नाम पर था और हम इस पर कायम हैं.
जेटली ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस नेता मांग कर रहे हैं कि घरेलू टर्मिनल का नाम एनटी रामाराव के बजाय राजीव गांधी पर रखा जाए जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते.नगर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू के अनुसार अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से राजीव गांधी का नाम नहीं हटाया गया है. उन्होंने कहा कि शुरु में हैदराबाद का हवाईअड्डा बेगमपेट में था.
जैसे ही विमानन मंत्री राजू ने एनटी रामाराव का नाम लिया कांग्रेस सदस्यों ने भारी हंगामा शुरु कर दिया और वे अपनी बातपूरी नहीं कर सके.कांग्रेस के सदस्यों द्वारा पोस्टर लेकर लगातार की गयी नारेबाजी और शोरगुल के कारण सभापति हामिद अंसारी ने बैठक साढेबारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
इससे पहले कांग्रेस के रापोलू ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए नागर विमानन मंत्रालय पर संगीन आरोप लगाया.
उन्होंने कहा ‘राजीव गांधी देश के एक लोकप्रिय नेता थे. शमसाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का नाम राजीव गांधी पर रखा गया था. लेकिन सरकार ने इसके एक टर्मिनल का नाम अब बदल दिया है जो हम कतई स्वीकार नहीं कर सकते.’
कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की स्मृतियों का अपमान कर रही है. उन्होंने कहा कि नाम बदलने के मामले में राज्य की तेलंगाना सरकार से भी कोई विचारविमर्श नहीं किया गया.
शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार को यह आश्वासन देना चाहिये कि वह हवाईअड्डे का नाम बदलने के अपने कदम को वापस लेगी.
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को उठाने के लिए कल और आज दोनों दिन नोटिस दिया था और उन्हें सदन में यह मुद्दा उठाने की इजाजत दी जानी चाहिए.
जदयू के शरद यादव ने कहा कि चूंकि सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद मौजूद नहीं हैं. इसलिए विपक्ष के उप नेता आनंद शर्मा को अपनी बात कहने का मौका दिया जाना चाहिए. इस पर उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी या आजाद की तरफ से सभापति या उन्हें ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है जिसमें यह बताया गया हो कि शर्मा विपक्ष के नेता की अनुपस्थिति में उनका प्रभार देखेंगे. जहां तक नोटिस की बात है तो शर्मा ने आज जो नोटिस दिया है उसमें यह कहा गया है कि उन्हें यह मुद्दा 25 नवंबर को उठाने की अनुमति दी जाए, जबकि आज 26 नवंबर है.
हंगामे के कारण बैठक स्थगित होने के बाद दोपहर साढे बारह बजे जब कार्यवाही फिर शुरु हुई तो सदन में वही नजारा था. कांग्रेस सदस्य पोस्टर ले कर आसन के समक्ष आ गए और नारे लगाने लगे. हंगामे के कारण सभापति ने बैठक एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी. दोपहर एक बजे सदन की बैठक शुरु होने पर भी कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा. हंगामे के कारण सभापति ने दूसरी बार बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.