राज्यसभा में उठा जरूरी दवाइयों की कीमतों में बढोतरी का मु्द्दा
नयी दिल्ली:विपक्षी दलों ने आज राज्यसभा में आवश्यक दवाइयों की बढती कीमतो का मुद्दा उठाया. टीबी टीबी, एड्स और मधुमेह सहित कई बीमारियों की 108 दवाओं की कीमतों को नियंत्रणमुक्त किए जाने के बाद जीवनरक्षक आवश्यक दवाइयों की कीमतों में कई गुना बढोतरी से आम लोगों को होने वाली कठिनाई की ओर ध्यान दिलाया. विपक्षी […]
नयी दिल्ली:विपक्षी दलों ने आज राज्यसभा में आवश्यक दवाइयों की बढती कीमतो का मुद्दा उठाया. टीबी टीबी, एड्स और मधुमेह सहित कई बीमारियों की 108 दवाओं की कीमतों को नियंत्रणमुक्त किए जाने के बाद जीवनरक्षक आवश्यक दवाइयों की कीमतों में कई गुना बढोतरी से आम लोगों को होने वाली कठिनाई की ओर ध्यान दिलाया.
विपक्षी दलों ने आज यहां सरकार से इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा कराए जाने की मांग की
माकपा के पी राजीव ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और कहा कि टीबी, एड्स, हृदय से जुडी बीमारियों की दवाइयों की कीमतों में भारी वृद्धि होने से आम आदमी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कई आवश्यक दवाइयों की कीमतें कई गुणा बढ गयी हैं.
उन्होंने इस क्रम में कई दवाइयों की कीमतों का उल्लेख भी किया. राजीव ने आरोप लगाया कि नेशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग अथारिटी (एनपीपीए) को अपना मई का दिशानिर्देश वापस लेने का निर्देश देने के बाद कीमतों में वृद्धि हुयी.
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि ऐसा फार्मा कंपनियों के दबाव में किया गया है. साथ ही काह कि सरकार आम लोगों के खिलाफ काम कर रही है.
कांग्रेस के आनंद शर्मा जदयू के शरद यादव ने इसे गंभीर मुद्दा बताया और इस और इस मुद्दे पर सदन में चर्चा करायी जानी चाहिए.
माकपा के सीताराम येचुरी इस संबंध में सरकार से आश्वासन चाहते थे. इस पर उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि वह सरकार को इस सबंध में बाध्य नहीं कर सकते.
विपक्ष के कई अन्य सदस्यों ने भी इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया. संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि वह सदस्यों की चिंता से संबंधित मंत्री को अवगत करा देंगे.