2012 Delhi gang rape case : दोषी पवन गुप्ता ने पुलिस पर लगाया मारपीट का आरोप, FIR के लिए पहुंचा कोर्ट
पवन गुप्ता ने मंडोली जेल के दो पुलिसकर्मियों पर मारपीट का गंभीर आरोप लगाया है. दोषी पवन ने दोनों पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज करने के लिए दिल्ली के एक कोर्ट का रुख किया है.
नयी दिल्ली : 2012 सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता ने मंडोली जेल के दो पुलिसकर्मियों पर मारपीट का गंभीर आरोप लगाया है. दोषी पवन ने दोनों पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज करने के लिए दिल्ली के एक कोर्ट का रुख किया है.
दोषी पवन ने दोनों पुलिसवालों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उसके साथ मंडोली जेल में मारपीट किया, जिससे उसके सिर में गंभीर चोट लगी है. कोर्ट ने पवन की याचिका पर जेल प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट इस मामले को 12 मार्च के लिए सूचीबद्ध किया है. गौरतलब है कि चारों दोषियों में से एक विनय शर्मा ने दिल्ली के राज्यपाल अनिल बैजल के पास अर्जी लगायी है कि उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया जाए.
वहीं दोषी मुकेश सिंह ने शुक्रवार 6 मार्च को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर अपने कानूनी उपाय बहाल करने का अनुरोध किया है. दोषी का आरोप है कि उसके वकील ने उसे गुमराह किया था. वकील मनोहर लाल शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में मुकेश सिंह ने आरोप लगाया है कि केन्द्र , दिल्ली सरकार और न्याय मित्र की भूमिका निभाने वाली अधिवक्ता वृन्दा ग्रोवर ने ‘आपराधिक साजिश’ रची और ‘छल’ किया है जिसकी सीबीआई से जांच करायी जानी चाहिए. निचली अदालत ने बृहस्पतिवार 5 मार्च को नया आदेश जारी करते हुये कहा कि मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को 20 मार्च की सुबह साढ़े पांच बजे मौत होने तक फांसी पर लटकाया जाये.
दूसरी ओर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को तिहाड़ जेल प्रशासन से कहा कि निर्भया के 2012 के सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के चार दोषियों की उस घटना में उनकी भूमिका को लेकर साक्षात्कार करने की इजाजत मांगने वाली एक मीडिया हाउस की याचिका पर नए सिरे से विचार करे.
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने प्रशासन से जेल प्रशासन से कहा कि वह बृहस्पतिवार तक अपने फैसले के बारे में सूचित करे. मीडिया हाउस ने चारों दोषियों- मुकेश कुमार सिंह (32), पवन कुमार गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) का साक्षात्कार करने के लिए इजाजत मांगी है.
चारों दोषियों को 20 मार्च को फांसी दी जानी है. इससे पहले, पांच मार्च को अदालत ने मीडिया हाउस का आवेदन अस्वीकार करते हुये उससे कहा था कि वह दोषियों को प्रोत्साहन नहीं दें. अदालत ने कहा था, उन्होंने तंत्र का मजाक बनाया है, कृपया उन्हें प्रोत्साहन नहीं दें.
मीडिया हाउस ने अपनी याचिका में तिहाड़ जेल द्वारा दोषियों का साक्षात्कार करने की इजाजत मांगने वाले अनुरोध पत्र को अस्वीकार करने के फैसले को भी चुनौती दी है. इसमें कहा गया है कि साक्षात्कार का उद्देश्य भविष्य में ऐसे अपराधों के लिए भय पैदा करना है. मीडिया हाउस ने इसमें कहा कि जेल प्रशासन ने 25 फरवरी को आवेदन देकर साक्षात्कार की इजाजत मांगी थी लेकिन यह आवेदन 27 फरवरी को अस्वीकार कर दिया गया.
गौरतलब है कि निर्भया से 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था और उस पर बर्बरता से हमला किया गया था. निर्भया की बाद में सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गयी थी, जहां उसे बेहतर चिकित्सा के लिए ले जाया गया था.