Nibhaya Rape Case : निर्भया के दोषियों ने फांसी से बचने के लिए खटखटाया अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) का दरवाजा
निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5:30 में फांसी दिया जाएगा.
नयी दिल्ली : 2012 निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से तीन दोषियों ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) का दरवाजा खटखटाया है. चारों दोषियों में से अक्षय, पवन और विनय ने फांसी पर रोक लगाने की मांग को लेकर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) से संपर्क किया.
तीनों दोषियों ने आईसीजे को पत्र लिखकर फांसी टालने की अपील की. साथ ही मांग की है कि निचली अदालत के सभी रिकॉर्ड अदालत अपने पास मंगाए ताकि वो अपना पक्ष अंतरराष्ट्रीय अदालत में रख सके. पत्र नीदरलैंड के दूतावास को दिया गया है. दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि फांसी की सजा के खिलाफ दुनियाभर के विभिन्न संगठनों ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया है.
AP Singh,convicts' lawyer: NRIs, their orgs, were watching the case. Copies of petitions by different orgs came which demanded that case's records be put before ICJ,urgent hearing be done&death warrant be stayed.We trust Indian judiciary but they don't,they've knocked ICJ's doors https://t.co/R04bULxY5M pic.twitter.com/YK09sRMYyb
— ANI (@ANI) March 16, 2020
दोषियों के वकील ने कहा, निर्भया मामले में दुनियाभर के लोग इंट्रेस्ट ले रहे हैं. उन्होंने कहा, विदेशों में बसे लोगों को भारतीय न्याय व्यवस्था पर भरोसा नहीं है, इसलिए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट को दरवाजा खटखटाया है. हालांकि एपी सिंह ने कहा कि निर्भया के चारों दोषियों और उनके परिवारवालों को भारतीय न्याया व्यवस्था पर भरोसा है. निर्भयों के दोषियों के परिवार वाले चाहते हैं कि राष्ट्रपति चारो को इच्छामृत्यु की इजाजत दें.
मालूम हो आईसीजे केवल दो या दो से अधिक देशों के विवाद पर सुनवाई करता है. जानकारों का मानना है कि चूंकी निर्भया का मामला व्यक्तिगत है, इसलिए कम ही उम्मीद है कि आईसीजे इस मामले में सुनवाई करेगी.
दूसरी ओर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सभी कानूनी विकल्पों को बहाल करने का अनुरोध करने वाली निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के दोषी मुकेश सिंह की याचिका सोमवार को खारिज कर दी.
मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से एक मुकेश ने न्यायालय में याचिका दायर करके अनुरोध किया था कि उसके सभी कानूनी विकल्पों को बहाल किया जाए क्योंकि उसके पुराने वकील ने उसे गुमराह किया था; न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह ने कहा कि मुकेश सिंह की याचिका विचारणीय नहीं है.
गौरतलब है कि निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5:30 में फांसी दिया जाएगा. फांसी से बचने के लिए दोषी लगातार हथकंडा अपना रहे हैं.