बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद, चारधाम यात्रा समाप्त

देहरादून : गढवाल हिमालय में स्थित प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट आज शीतकाल के लिये बंद कर दिये गये और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो गया. बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बी. डी. सिंह ने बताया कि चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ मंदिर के कपाट आज दोपहर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2014 5:06 PM

देहरादून : गढवाल हिमालय में स्थित प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट आज शीतकाल के लिये बंद कर दिये गये और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो गया. बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बी. डी. सिंह ने बताया कि चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ मंदिर के कपाट आज दोपहर तीन बजकर 35 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिये बंद कर दिये गये.

उन्होंने बताया कि कपाट बंद होने के मौके पर विशेष पूजा अर्चना मंदिर के मुख्य पुजारी रावल केशवन नम्बूरी ने की. इस मौके पर कडाके की ठंड के बावजूद मंदिर के धर्माधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद थे. कपाट बंद होने के अवसर पर पूरे बद्रीनाथ मंदिर को गेंदे के पीले फूलों से सजाया गया था.

बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद अब शीतकाल के दौरान उनकी पूजा जोशीमठ में होगी. मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही गढवाल हिमालय की इस वर्ष की चारधाम यात्र का समापन हो गया. चारधाम के नाम से मशहूर तीन अन्य मंदिरों केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिये पहले ही बंद हो चुके हैं.

उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री मंदिर के कपाट जहां 24 अक्तूबर को अन्नकूट पर्व के दिन बंद किये गये थे वहीं यमुनोत्री मंदिर और रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर के कपाट 25 अक्तूबर को भैयादूज के दिन बंद हुए. शीतकाल के दौरान क्षेत्र में भारी बर्फवारी होती है और इसी कारण चारों धामों के कपाट हर साल अक्तूबर-नवंबर में बंद कर दिये जाते हैं जो अगले वर्ष अप्रैल-मई में दोबारा खुलते हैं.

कपाट खुले होने के दौरान चारधाम यात्रा में देश विदेश के श्रद्धालु मंदिरों के दर्शन के लिये आते हैं. इसे गढवाल की अर्थव्यवस्था की रीढ माना जाता है. हांलांकि, पिछले साल आयी भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गयी.

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