2020 Delhi Riots: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दिल्ली पुलिस की याचिका

2020 Delhi Riots: जुलाई 2021 को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तीन कार्यकर्ताओं को दी गई जमानत रद्द करके के पहलू पर गौर करने के प्रति अनिच्छा व्यक्त की थी. इन लोगों के खिलाफ कड़े एंटी टेरर लॉ तथा गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था.

By Agency | May 2, 2023 3:43 PM
an image

2020 Delhi Riots: सुप्रीम कोर्ट ने 2020 उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में तीन छात्र कार्यकर्ताओं को जमानत दिए जाने के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है. जस्टिस एस के कौल और जस्टिस ए अमानुल्ला की पीठ ने दिल्ली पुलिस की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उन्हें खारिज कर दिया. दिल्ली पुलिस ने अपनी याचिकाओं में संशोधित नागरिकता अधिनियम (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा मामले में छात्र कार्यकर्ता नताशा नरवाल, देवांगना कालिता और आसिफ इकबाल तन्हा को जमानत दिए जाने के दिल्ली हाई कोर्ट के 15 जून 2021 के फैसलों को चुनौती दी थी. पीठ ने कहा- विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है.

दंगों में 53 लोगों की मौत 700 से अधिक घायल

इस मामले में जुलाई 2021 को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तीन कार्यकर्ताओं को दी गई जमानत रद्द करके के पहलू पर गौर करने के प्रति अनिच्छा व्यक्त की थी. इन लोगों के खिलाफ कड़े एंटी टेरर लॉ तथा गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. इससे पहले पुलिस ने अपनी दलील में कहा था कि दंगों में 53 लोग मारे गए और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे. ये दंगे तब हुए थे जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रीय राजधानी में थे.

Also Read: मनीष सिसोदिया के बाद शराब घोटाले में राघव चड्ढा का भी आया नाम, ED चार्जशीट से बढ़ी AAP की मुश्किलें
हाई कोर्ट के फैसले के विरोध में पुलिस ने कही यह बात

पुलिस ने हाई कोर्ट के फैसले के विरोध में कहा था कि- हाई कोर्ट की व्याख्या आतंकी मामलों में अभियोजन को कमजोर करेगी. गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने आरोपियों को जमानत देने हुए कहा था कि असहमति को दबाने की जल्दबाजी में राज्य ने प्रदर्शन के अधिकार तथा आतंकी गतिविधि के बीच की रेखा को धुंधला कर दिया और अगर इस प्रकार की मानसिकता को बल मिलता है तो यह लोकतंत्र के लिए दुखद दिन होगा.

Exit mobile version