बिना समझौता के डब्ल्यूटीओ में भारत को मिली बड़ी जीतः सीतारमण

नयी दिल्ली : सरकार ने आज लोकसभा में खुशी जताते हुए कहा, बिना किसी रियायत, समझौते या नयी शर्त के जिनीवा में एक बड़ी विजय हासिल की. वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहाविश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने वैश्विक व्यापार सुधार समझौते में भारत की खाद्य सुरक्षा की मांग को समाहित कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2014 3:22 PM

नयी दिल्ली : सरकार ने आज लोकसभा में खुशी जताते हुए कहा, बिना किसी रियायत, समझौते या नयी शर्त के जिनीवा में एक बड़ी विजय हासिल की. वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहाविश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने वैश्विक व्यापार सुधार समझौते में भारत की खाद्य सुरक्षा की मांग को समाहित कर लिया.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस सदन को यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हम एक ऐसा नतीजा पाने में सक्षम रहे हैं जो हमारी चिंताओं का समाधान करता है. कल डब्ल्यूटीओ की महापरिषद् ने खाद्य सुरक्षा प्रयोजनों संबंधी सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग से संबंधित निर्णय, व्यापार सरलीकरण करार से जुडे निर्णय तथा बाली बैठक के पश्चात की कार्रवाई से संबंधित निर्णय को अपना लिया.
’’ मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुदृढ नेतृत्व द्वारा समर्थित स्पष्ट अकाट्य तर्क प्रस्तुत करने से यह न्यायोचित विजय मिली है.’’ इस पर कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और कुछ अन्य नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार इसका श्रेय नहीं ले सकती है, क्योंकि संप्रग सरकार पिछले कई वर्षो से डब्ल्यूटीओ में यह रुख लेकर उसे लगातार आगे बढा रही थी. बहरहाल, सीतारमण ने जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘ अकाट्य तर्को ’’ से यह नतीजा पाना संभव हो पाया है.
मंत्री ने बताया कि खाद्य सुरक्षा प्रयोजनों हेतु सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग के संबंध में महापरिषद का निर्णय एक नया और सुस्पष्ट निर्णय है. इससे यह स्पष्ट है कि इस मुद्दे के संबंध में एक स्थायी समाधान पर सहमति बनने और उसका अंगीकरण होने तक सततरूपसे एक ऐसा तंत्र लागू रहेगा जिसके तहत डब्ल्यूटीओ सदस्य देश कृषि संबंधी डब्ल्यूटीओ करार के अंतर्गत कुछ चुनिंदा दायित्वों के संबंध में सुरक्षा प्रयोजनों हेतु विकासशील सदस्य देशों के सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग कार्यक्रमों को चुनौती नहीं देंगे.
सीतारमण ने कहा कि इससे किसी भी प्रकार का संदेह समाप्त हो जाएगा और इस आशंका के विरुद्ध भी संरक्षण प्राप्त हो जाएगा कि अगर वर्ष 2017 तक खाद्य सुरक्षा प्रयोजनों हेतु सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग का कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाता है तो उसके बाद कोई सुरक्षा कवर प्राप्त नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि ऐसे में यह न्यूनतम समर्थन मूल्य नीति को जारी रखने के लिए उपबंध संरक्षण को सुदृढ बनाता है जो भारत के अल्प आय वर्ग तथा गरीब किसानों के संसाधन की जीवन रेखा है. उन्होंने कहा कि यह भारत मे खाद्य सुरक्षा और समान नीति अपनाने वाले देशों में खाद्य सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.

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