आज से भाजपा शुरू करेगी शिवसेना को मनाने की कवायद
मुम्बई : 25 साल पुराना गंठबंधन टूटने के बाद अलग-अलग विधानसभा चुनाव लड़ने वाली पार्टी भाजपा और शिवसेना के बीच आज से फिर एक बार साथ आने को लेकर बातचीत शुरू होने के आसार हैं. इन भगवा सहयोगियों के बीच कई सप्ताह से तनातनी चल रही थी जिसके बाद गुरुवार को महाराष्ट्र के सीएम ने […]
मुम्बई : 25 साल पुराना गंठबंधन टूटने के बाद अलग-अलग विधानसभा चुनाव लड़ने वाली पार्टी भाजपा और शिवसेना के बीच आज से फिर एक बार साथ आने को लेकर बातचीत शुरू होने के आसार हैं. इन भगवा सहयोगियों के बीच कई सप्ताह से तनातनी चल रही थी जिसके बाद गुरुवार को महाराष्ट्र के सीएम ने फिर एक साथ आने के संकेत दिए.
सरकार गठन में राकांपा से बाहर से समर्थन लेने के बाद भाजपा की मुश्किलें उस वक्त बढ़ गई थी जब शरद पवार ने अपने कार्यकर्ताओं को मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा था. राकांपा से समर्थन लेने के बाद भाजपा विभिन्न वर्गों के निशाने पर भी चल रही है. ऐसे में वह :भाजपा: स्थिर सरकार सुनिश्चित करने के लिए शिवसेना को साथ लाना चाहती है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कल कहा था कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले उससे अलग हुई शिवसेना से फिर हाथ मिलाने को इच्छुक है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘मैंने कुछ दिन पहले शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से बातचीत की थी और दोनों दलों के बीच शुक्रवार को बातचीत शुरु होगी.’’
उन्होंने कहा था, ‘‘भाजपा की ओर से हमने केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान और महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल को शिवसेना से बातचीत शुरु करने को कहा है. दोनों दलों ने भले ही अलग अलग चुनाव लडे हों लेकिन, हम साथ क्यों नहीं आ सकते, इसका कोई कारण नजर नहीं आता. ’’ हालांकि उद्धव ठाकरे ने फडणवीस के बयान पर चुप्पी साध ली और कहा कि जब वार्ता प्रक्रिया शुरु होगी तब वह भाजपा से बातचीत करेंगे. ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं उनसे :भाजपा से: बातचीत बहाल करने को इच्छुक हूं। पहले उन्हें शुरु तो करने दीजिए. ’’
एक भाजपा नेता ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि शिवसेना अगले मंत्रिमंडल विस्तार में सरकार में लगभग शामिल हो ही जाएगी. नेता ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल विस्तार 30 नवंबर या एक दिसंबर को होगा. मुझे पूरा विश्वास है कि शिवसेना हमारे साथ आएगी. ’’ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आठ दिसंबर को शुरु होगा.
दो सौ 88 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 121 विधायक हैं जबकि शिवसेना 63 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बडी पार्टी है. शिवसेना के शामिल होने से फडणवीस सरकार की स्थिति मजबूत हो जाएगी क्योंकि फिलहाल वह सदन में बहुमत से 22 अंक पीछे है.