मुंबई : कुछ दिनों पहले आतंकी संगठन आइएसआइएस में शामिल होने गये मुंबई के आरिफ माजिद को आज मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया है. आरिफ आइएसआइएस में शामिल होने के लिए इराक गया था, कुछ दिनों से वह इराक से तुर्की में रह रहा था. एनआईए की टीम ने आज आरिफ को एनआईए के विशेष अदालत में पेश किया. अदालत ने आरिफ को 8 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
आरिफ की गिरफ्तारी की खबर पीटीआई के हवाले से दिया जा रहा है. खबर है कि आरिफ मुंबई से सटे कल्याण का रहने वाला है, जो अपने कुछ दोस्तों के साथ इराक आतंकी संगठन में शामिल होने गया था.
आईएसआईएस के लिए मर चुका माना जा रहा कल्याण का युवक लौटा
आरिफ मजीद (23) नाम के जिस युवक के बारे में अब तक माना जा रहा था कि वह सीरिया में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के लिए लडते हुए मारा गया, वह आज मुम्बई लौट आया और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) तथा महाराष्ट्र एटीएस ने उससे संयुक्त रुप से पूछताछ की.
इस साल मई में कल्याण से आरिफ मजीद समेत चार युवक पश्चिम एशिया के धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए गये थे जिनमें शाहीन टांकी, फहद शेख और अमन टांडेल हैं. लेकिन बाद में वे गायब हो गए. संदेह था कि वे पश्चिम एशिया में सक्रिय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) में शामिल हो गए. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरिफ आज सुबह लौटा और एनआईए तथा महाराष्ट्र एटीएस ने उससे पूछताछ की. एक सूत्र के अनुसार यहां लौटने के तत्काल बाद आरिफ की मेडिकल जांच कराई गयी.
उसके पारिवारिक मित्र इफ्तखार खान ने कहा, आरिफ के पिता एजाज को आज सुबह सुरक्षा एजेंसियों से फोन आया. उन्हें बताया गया कि उनका बेटा मुम्बई में है. पुलिस के मुताबिक इंजीनियरिंग के ये चारों विद्यार्थी इराक में धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए 22 तीर्थयात्रियों के एक समूह का हिस्सा बनकर बगदाद गए थे.
अगले दिन आरिफ ने बगदाद से अपने परिवार को फोन किया और उन्हें बगैर बताए चले जाने के लिए माफी मांगी. अन्य यात्रियों ने भारत लौटने पर बताया कि आरिफ, शाहीन, फहद और अमन किराये पर टैक्सी लेकर बगदाद के पश्चिम में स्थित शहर फलुजाह चले गए थे जो इराक के चरमपंथ के केंद्र के रुप में उभरा है.
एक पारिवारिक मित्र अतीक खान ने संवाददाताओं से कहा, 26 अगस्त को शाहीन टांकी ने आरिफ के परिवार को फोन किया था और कहा था कि उनका बेटा सीरिया में आईएसआईएस के पक्ष में लडते हुए शहीद हो गया. अगले दिन आरिफ के परिवार ने कल्याण में जनाजा-ए-गयाबाना (शव की अनुपस्थिति में दिवंगत आत्मा के लिए की जाने वाली रस्म) पढी.
हाल ही में आरिफ के पिता एजाज मजीद ने कथित रुप से एनआईए से भेंट की थी और उससे कहा था कि उनका बेटा तीन महीने तक आईएसआईए के पक्ष में लडाई करने के बाद उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र से भागकर तुर्की चला गया और अब वह भारत लौटना चाहता है.