मतदाताओं को मिले राइट टु रिजेक्ट : मोदी
गांधीनगर : गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी ने इस बात का समर्थन किया है कि मतदाताओं को राइट टु रिजेक्ट का अधिकार मिलना चाहिए. उनका यह मानना है कि इससे मतदाताओं में उत्साह जागेगा. मोदी ने साफ कहा कि इस अधिकार के मिले बिना राजनीति में सुधार होना […]
गांधीनगर : गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी ने इस बात का समर्थन किया है कि मतदाताओं को राइट टु रिजेक्ट का अधिकार मिलना चाहिए. उनका यह मानना है कि इससे मतदाताओं में उत्साह जागेगा. मोदी ने साफ कहा कि इस अधिकार के मिले बिना राजनीति में सुधार होना संभव नहीं है.
शनिवार को गांधीनगर में यंग इंडिया कॉनक्लेव में मोदी को सुनने के लिए दो सौ लोगों का डेलिगेशन मौजूद थे. यह सभी देश के विभिन्न शहरों से यहां पर आए थे. अपने भाषण में मोदी ने कहा कि एक बार मतदाताओं को राइट टू रिजेक्ट का अधिकार मिल जाएगा तो राजनीतिक पार्टियां पर साफ सुथरी छवि के लोगों को टिकट देने का दबाव बन जाएगा. उन्होंने कहा एक तय सीमा रेखा के अंदर उन नेताओं को जिन्हें तय सीमा रेखा के अंदर राइट टू रिजेक्ट मिला हो, चुनाव में जीतने के बाद भी हारा हुआ माना जाना चाहिए.
बिजनेस और और सरकार किस तरह से युवाओं को नई राह दिखा सकती है विषय पर चर्चा के दौरान मोदी ने चुनाव सुधार पर बोलते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि गुजरात में सभी के लिए लोकल बॉडी के चुनाव में मतदान करने को जरूरी नियम बना दिया जाए. वह इन चुनावों में राइट टू रिजेक्ट का भी प्रोविजन करने वाले हैं. लेकिन इन दोनों ही प्रावधानों को राज्य के राज्यपाल ने अभी तक मंजूरी नहीं दी है.
मालूम हो कि आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल भी चुनाव में मतदाता को राइट टू रिजेक्ट का अधिकार दिलाने के पक्षधर हैं. समाजसेवी अन्ना हजारे भी इस अधिकार के पक्ष में लंबे समय आंदोलन चलाए हुए हैं.
विजन डाक्यूमेंट को मोदी की रजामंदी
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की स्थिति में मतों के संभावित ध्रुवीकरण को रोकने तथा अल्पसंख्यक समुदायों में भाजपा की स्वीकार्यता बढ़ाने के मद्देनजर अल्पसंख्यकों पर लाए जा रहे विजन डाक्यूमेंट (दृष्टिकोण पत्र) को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी रजामंदी है. ऐसा भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का कहना है.
पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अब्दुल रशीद अंसारी ने कहा, अल्पसंख्यकों के उत्थान को लेकर लाये जा रहे इस विजन डाक्यूमेंट की पहल करने से पहले हमने नरेंद्र मोदी और पार्टी के दूसरे शीर्ष नेताओं से बात की. इसे लेकर मोदी और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की पूरी रजामंदी है. इस विजन डाक्यूमेंट को बनाने के लिए पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी की अध्यक्षता में एक कार्य समूह गठित किया गया है. इसमें पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन और खुद अंसारी शामिल हैं.
अंसारी ने कहा, हमारी इस कोशिश और कांग्रेस के दावों में सबसे बड़ा फर्क है कि वो तुष्टीकरण करते हैं, जबकि हम वास्तव में अल्पसंख्यकों की समस्याओं को सामने लाकर उत्थान का रास्ता दिखाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, इसमें मुख्य रुप से मुसलमानों के शैक्षणिक और आर्थिक विकास पर जोर दिया जाएगा. इसे हम अगस्त तक लोगों के सामने लाना चाहते हैं.
माना जा रहा है कि मोदी के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार बनने की स्थिति में मतों के संभावित ध्रुवीकरण को रोकने तथा अल्पसंख्यकों में पार्टी की छवि को स्वीकार्य बनाने की कोशिश के तहत भाजपा ने यह पहल की है.