नयी दिल्ली : कांग्रेस ने केंद्र की बीजेपी सरकार और इसके नेताओं पर आज बड़ा हमला करते हुए मोदी सरकार के 6 महीने पूरे होने के मौके पर अपनी पार्टी की तरफ से इस सरकार पर आरोप लगाया कि यह एक यू-टर्न लेने वाली सरकार है. कांग्रेस के मीडिया प्रमुख अजय माकन ने इस अवसर पर कांग्रेस की तरफ से एक बुकलेट जारी की. कांग्रेस ने इस बुकलेट का नाम – ‘6 महीने पार, यू-टर्न सरकार’ रखा है.
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बार-बार U-Turn लेती है मोदी सरकार: कांग्रेस
नयी दिल्ली : कांग्रेस ने केंद्र की बीजेपी सरकार और इसके नेताओं पर आज बड़ा हमला करते हुए मोदी सरकार के 6 महीने पूरे होने के मौके पर अपनी पार्टी की तरफ से इस सरकार पर आरोप लगाया कि यह एक यू-टर्न लेने वाली सरकार है. कांग्रेस के मीडिया प्रमुख अजय माकन ने इस अवसर […]
माकन ने कहा कि इस बुकलेट में कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी के नेताओं के चुनाव के पहले के वादों और बयानों की जानकारी देते हुए ये दिखाया है कि किस तरह नरेन्द्र मोदी के नेत्तृत्व वाली इस बीजेपी सरकार के नेताओं ने चुनाव के पहले जनता से झूठे वादे किये और अब सत्ता में आने के महज 6 महीनों के भीतर ही ये सरकार अपने वादों से मुकरने लगी है.
माकन ने बीजेपी पर ये आरोप भी लगाया कि जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी, तो उसके जिन निर्णयों का विपक्षी पार्टी रहते हुए बीजेपी के नेता विरोध करते थे, अब सत्ता में आने के बाद ये लोग उन्ही निर्णयों को सही कहते हुए, इसे लागू करना चाहते हैं.
ऐसे में इन्हें जवाब देना चाहिए कि अगर ये निर्णय सही हैं तो फिर बीजेपी ने यूपीए की सरकार के समय किस आधार पर इन निर्णयों का विरोध किया था.
माकन ने आगे कहा कि- कांग्रेस की इस बुकलेट को पिछले शुक्रवार को छपने को देने के बाद, महज तीन दिनों के अन्दर मोदी सरकार ने तीन बड़े मुद्दों पर फिर से यू-टर्न लिया है.
पहले मुद्दे के बारे में बोलते हुए माकन ने कहा कि इसमें पहला मुद्दा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु से जुड़ा हुआ है. माकन ने कहा कि हमारी सरकार के समय जब बीजेपी विपक्ष में थी, तो उस समय पार्टी के अध्यक्ष और वर्तमान में देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 23 जनवरी 2013 को कटक में एक बयान दिया था, जिसमे उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि यूपीए सरकार को नेताजी की मृत्यु से जुड़ी हुई जानकारी देश के सामने लानी चाहिए. लेकिन अब वो खुद जब सत्ता में आये हैं तो उन्होंने इस मुद्दे पर पलटी मार ली है. माकन ने कहा कि एक अख़बार में छपी खबर के मुताबिक, किसी आरटीआइ में मांगी गई जानकारी के जवाब में वर्तमान केंद्र सरकार ने कहा है कि नेताजी की मृत्यु के रहस्यों से जुड़ी 39 फाइलें सरकार के पास हैं, लेकिन सरकार इसमें लिखी जानकारी को सार्वजनिक नहीं कर सकती.
गृह मंत्री के तौर पर राजनाथ सिंह को घेरते हुए माकन ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए वो नेताजी की मौत से जुड़ी हुई सरकारी जानकारी को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे और अब उन्हें ये जवाब देना चाहिए कि खुद सत्ता में आने पर उनकी सरकार ये जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही? अगर वो इस जानकारी वो जनता के सामने नहीं ला सकते तो उन्हें देश की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए.
इसके बाद इस सरकार पर दूसरे यू-टर्न का आरोप लगाते हुए माकन ने कहा कि यूपीए की सरकार जब सत्ता में थी तो उसने सिविल लायबिलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज एक्ट बनाया था, जिसके तहत देश में बनाये जाने वाले परमाणु बिजलीघरों के संयंत्रों में किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर सप्लायर्स की जिम्मेदारी होती और उन्हें इसका हर्जाना देना पड़ता, लेकिन उस समय विपक्ष में बैठी बीजेपी और इसके इन्हीं नेताओं ने, लेफ्ट पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर इस एक्ट का विरोध किया था और ये कहा था कि यूपीए की सरकार अमेरिका के दबाव में ऐसा एक्ट बना रही है. हमारी सरकार की तरफ से ऐसा क़ानून बनाए जाने की वजह से इस मुद्दे पर कई बड़े देश और विदेशी सेवा प्रदाता कम्पनियां हमसे खफा थीं.
माकन ने आगे कहा कि अब हमारी जानकारी में ऐसी बात आ रही है कि नरेंद्र मोदी की सरकार इन देशों और कंपनियों को खुश करने के लिए इस क़ानून में बदलाव करने की कोशिश कर रही है. इस बात पर बीजेपी की इस केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए कि अगर ऐसा हो रहा है तो क्यों और विपक्ष में रहते हुए इस मुद्दे पर उन्होंने जब इसका विरोध किया था तो फिर अब सत्ता में आने के बाद ऐसा यू-टर्न क्यों लिया जा रहा है.
सरकार के तीसरे बड़े यू-टर्न के बाबत बोलते हुए माकन ने कहा कि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुवाहाटी में ये कहा था कि उनकी सरकार बांग्लादेश और भारत के बीच जमीनों की अदला-बदली करने की योजना बना रही है ताकि इससे दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य हो सकें और देश में बांग्लादेशी नागरिकों का आना रुक सके. लेकिन केंद्र में जब हमारी यूपीए कि सरकार थी तो हमने भी ऐसी योजना पर काम करने की कोशिश करनी चाही थी. उस समय बीजेपी ने हमारे इस कदम को ‘देश-द्रोह’ कहा था और इस मुद्दे पर विभिन्न प्रकार के कानूनी कारणों का उद्धरण देते हुए वर्तमान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हमारे इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए हमारी सरकार को पत्र भी लिखा था.
माकन ने कहा कि उस समय बीजेपी का ‘लीगल सेन्स’ हमारे इस कदम को अगर देश-द्रोह बता रहा था तो अब बीजेपी, मोदी, अरुण जेटली और इस सरकार के अन्य नेताओं को यह बताना चाहिए कि उनका लीगल सेन्स अब उन्हें ऐसा करने को क्यों कह रहा है.
माकन ने कहा कि इस सरकार को अब जवाब देना होगा कि क्यों ये लोग अपने हर वादों और मुद्दों पर इस तरह यू-टर्न ले रहे हैं.
इसके अलावा माकन ने अपनी पार्टी की तरफ से काले धन को लेकर भी सरकार को घेरा और कहा कि चुनाव से पहले मोदी, राजनाथ, गडकरी जैसे तमाम बीजेपी के नेता लोगों से कह रहे थे कि विदेशों में जमा काला धन उनकी सरकार बनने के 100 दिनों के भीतर देश में वापस आ जायेगा लेकिन अब सरकार पलट गयी है. संसद में वेंकैया नायडू के बयान का हवाला देते हुए माकन ने कहा कि, नायडू ने कहा है कि बीजेपी ने चुनाव के पहले काले धन को 100 दिनों में वापस लाने की कोई बात नहीं कही थी.
कांग्रेस की तरफ से जारी इस बुकलेट के बारे में बताते हुए माकन ने कहा कि इस बुकलेट में बीजेपी के चुनाव से पहले के वादों और मोदी, राजनाथ, गडकरी समेत तमाम नेताओं के अख़बारों में छपे भाषणों को छापा गया है और इसके अलावा उनके भाषणों के वीडियों का यू-ट्यूब एड्रेस भी दिया गया है ताकि लोग चुनाव के पहले उनके किये गए वादों और चुनाव के बाद उनके सत्ता में आते ही लिए जा रहे यू-टर्न को देख और सुन सके.
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