देसी पहाड़ों पर विदेशी गार्बेज गर्ल

उत्तराखंड आपदा में जान जोखिम में डाल कर सेना के जवान लोगों को बचा कर राहत शिविरों में ला रहे हैं, तो स्थानीय लोग देहरादून जैसी जगहों पर बड़ी संख्या में अपनों का इंतजार कर रहे लोगों की सेवा में लगे हैं. खाना, पानी, जरूरी सामान से शिविरों में कूड़े का अंबार लग गया है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:54 PM

उत्तराखंड आपदा में जान जोखिम में डाल कर सेना के जवान लोगों को बचा कर राहत शिविरों में ला रहे हैं, तो स्थानीय लोग देहरादून जैसी जगहों पर बड़ी संख्या में अपनों का इंतजार कर रहे लोगों की सेवा में लगे हैं.

खाना, पानी, जरूरी सामान से शिविरों में कूड़े का अंबार लग गया है, जो अपने आप में एक बड़ी समस्या है. इस समस्या से निबटने के लिए गार्बेज गर्ल जोड़ी अंडरहिल अपने दोस्तों के साथ सफाई अभियान में लगी हुई हैं.

ब्रिटेन की नागरिक जोडी को स्थानीय लोग गार्बेज गर्ल यानी कूड़ा बीनने वाली लड़की कह कर पुकारते हैं. बिना गंदगी की परवाह किये जोडी और उसके साथी पिछले कई दिनों से उत्तराखंड में कूड़ा-करकट साफ करने के अभियान में लगे हैं, जो बाढ़ के बाद देहरादून के सहस्रधारा हेलीपैड के पास जमा हो रहा है.

इंग्लैंड छोड़ आयी भारत

जोडी अंडरहिल देहरादून में पिछले कुछ समय से साफ-सफाई का काम कर रही हैं. उनका पालन-पोषण ब्रिटेन में हुआ है, लेकिन पिछले कई वर्षो से वह भारत में हिमालय के इलाकों में काम कर रही हैं. अपने साथियों के साथ मिल कर जोडी देहरादून और धर्मशाला में कूड़ा हटाने और लोगों को जागरूक करने का काम करती हैं.

कुछ साल पहले जब जोडी भारत आयी तब पहाड़ी इलाकों में गंदगी का स्तर देख उन्हें काफी दुख हुआ. खास कर प्लास्टिक को लेकर लोगों में जागरूकता का अभाव. बस जोडी ने यहीं रह जाने का मन बना लिया और अपने स्तर पर गंदगी से सने इलाकों में साफ- सफाई का काम करना शुरू किया.

शर्म महसूस नहीं होती

जोडी वेस्ट वॉरियर्स नाम का संगठन चलाती हैं. हाथ में झाड़ू लिए और दस्ताना पहने वो ख़ुद गंदगी भरे इलाकों में जाकर उसे साफ करती हैं. धीरे-धीरे उनके काम को देख लोग उनके संगठन से जुड़ने लगे. जोडी कहती हैं कि उन्हें ये काम करने में कोई शर्म महसूस नहीं होती. अपना देश छोड़ कर कई सालों से भारत के पहाड़ों को ही अपना घर बना चुकी जोडी उत्तराखंड की त्रसदी से बेहद दुखी हैं.

वह कहती हैं, हमने पर्यावरण का इतना निरादर किया है, अब कुदरत ने हमें चेतावनी दी है. इतने लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. हमें ये प्रण लेना चाहिए कि इतने लोगों की जो जान गयी, वो जाया न जाये. कुछ तो हम सीखें इससे.
(बीबीसी से साभार)

Next Article

Exit mobile version