मोदी ने त्रिपुरा में पूर्वोत्तर को दिया हरे, सफ़ेद और भगवा रंग का विकास मन्त्र
अगरतला: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ओएनजीसी त्रिपुरा पावर कंपनी की पालतानु बिजली परियोजना की दूसरी इकाई का उदयपुर में उद्घाटन किया और इसे यह कहते हुए राष्ट्र को समर्पित किया कि चार सूत्री क्रांति के आधार पर पूर्वोत्तर में विकास का सूत्रपात होगा. उद्घाटन समारोह में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने […]
अगरतला: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ओएनजीसी त्रिपुरा पावर कंपनी की पालतानु बिजली परियोजना की दूसरी इकाई का उदयपुर में उद्घाटन किया और इसे यह कहते हुए राष्ट्र को समर्पित किया कि चार सूत्री क्रांति के आधार पर पूर्वोत्तर में विकास का सूत्रपात होगा.
उद्घाटन समारोह में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रेल, सड़क, वायु और जलमार्ग के आधुनिक संपर्क के जरिए केंद्र के पास इस क्षेत्र के विकास की दूरगामी योजना है.
क्षेत्र के विकास के लिए मोदी ने उस चार आयामी रणनीति को रेखांकित किया, जो क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र के जहन में है. दूसरी हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, भगवा क्रांति और नीली क्रांति.
आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर के विकास का खाका खींचते हुए मोदी ने कहा, ‘पूर्वोत्तर में पर्यटन, बिजली और प्राकृतिक संसाधनों की जैसी संभावना है, वैसी देश के किसी अन्य भाग में नहीं है.’ अपनी इस बात को विस्तार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, पहले हरित क्रांति हुई, अब पूर्वोत्तर को अन्तरराष्ट्रीय बाजार में एक बडे उत्पादक के तौर पर अपनी जगह ढूंढनी चाहिए क्योंकि दूसरी हरित क्रांति चल रही है. उन्होंने इस संबंध में क्षेत्र में आर्गेनिक खेती के विकास पर जोर दिया.
मोदी ने कहा कि क्षेत्र को श्वेत क्रांति के साथ खुद को समन्वित करने के लिए पहले से ही सक्रिय कदम उठाने चाहिए. पूर्वोत्तर में दुग्ध उत्पादन में मौजूदा स्थिति को बेहतर बनाने की अपार क्षमता है.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पूरे देश की तरह पूर्वोत्तर में भी भगवा क्रांति का सूत्रपात करेगी. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भगवा को ऊर्जा का रंग माना जाता है. हमें ऊर्जा की बढती जरुरतों को पूरा करने के लिए क्षेत्र में प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार की क्षमताओं और जल संसाधनों का दोहन करना है. मोदी ने जल आधारित ऊर्जा और आंतरिक जल मार्गों को क्षेत्र की अगली बडी संभावनाएं बताया और इसे नीली क्रांति का नाम दिया.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार क्षेत्र में एक गैस आधारित यूरिया उर्वरक संयंत्र का विकास करना चाहती है. इसके अलावा अन्य प्रमुख परियोजनाओं में पेट्रो केमिकल हब शामिल है, जैसा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने सुझाव दिया था.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सलाहकार तौफीक-ए-इलाही चौधरी के एक अनुरोध का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश को 100 मेगावाट बिजली बेचने को तैयार है. इस मौके पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार भी मौजूद थे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजिद के बीच एक बैठक में इस मुद्दे पर सहमति हुई थी. पलातानु बिजली संयंत्र त्रिपुरा और पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य राज्यों के लिए बिजली उत्पादन के अलावा राष्ट्रीय ग्रिड में भी योगदान देगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि चार सूत्री क्रांति के आधार पर पूर्वोत्तर में विकास का सूत्रपात होगा। उन्होंने कहा कि रेल, सडक, वायु और जलमार्ग के आधुनिक संपर्क के जरिए केंद्र के पास इस क्षेत्र के विकास की दूरगामी योजना है.
इस संदर्भ में मोदी ने उस चार आयामी रणनीति को रेखांकित किया, जो क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र के जहन में है.दूसरी हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, भगवा क्रांति और नीली क्रांति.
आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर के विकास का खाका खींचते हुए मोदी ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर में पर्यटन, बिजली और प्राकृतिक संसाधनों जैसी संभावना है, वैसी देश के किसी अन्य भाग में नहीं है.’’ अपनी इस बात को विस्तार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पहले हरित क्रांति हुई। अब पूर्वोत्तर को अन्तरराष्ट्रीय बाजार में एक बडे उत्पादक के तौर पर अपनी जगह ढूंढनी चाहिए क्योंकि दूसरी हरित क्रांति चल रही है.’’ उन्होंने इस संबंध में क्षेत्र में आर्गेनिक खेती के विकास पर जोर दिया.
मोदी ने कहा कि क्षेत्र को श्वेत क्रांति के साथ खुद को समन्वित करने के लिए पहले से ही सक्रिय कदम उठाने चाहिएं। पूर्वोत्तर में दुग्ध उत्पादन में मौजूदा स्थिति को बेहतर बनाने की अपार क्षमता है.उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पूरे देश की तरह पूर्वोत्तर में भी भगवा क्रांति का सूत्रपात करेगी.