Coronavirus Outbreak : मरीज के इलाज के दौरान जसलोक हॉस्पिटल के 21 लोग संक्रमित, बंद की गयी सेवाएं
coronavirus update: देश में जारी लॉकडाउन के 14वें दिन यानि मंगलवार को भी महाराष्ट्र में कोविड-19 के संक्रमित मामलो में तेजी से वृद्धि नजर आयी.
coronavirus update: देश में जारी लॉकडाउन के 14वें दिन यानि मंगलवार को भी महाराष्ट्र में कोविड-19 के संक्रमित मामलो में तेजी से वृद्धि नजर आयी. सूबे में कुल 150 नये मामले आने के साथ ही राज्य में अभी तक वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 1,018 हो गयी है. इसी बीच, खबर आ रही है कि मुंबई में एक प्राइवेट अस्पताल जसलोक हॉस्पिटल में मेडिकल स्टाफ के 21 लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं.
जानकारी के अनुसार हॉस्पिटल ने तत्काल प्रभाव से अपनी सारी सेवाएं स्थगित कर दी हैं. हालांकि जसलोक हॉस्पिटल में इमरजेंसी सेवाएं जारी है. जसलोक हॉस्पिटल के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने मामले को लेकर ज़ी मीडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत की और कहा कि 13 अप्रैल से हॉस्पिटल का कामकाज नियमित रूप शुरू किया जाएगा. 2 हफ्ते पहले एक कोरोना पॉजिटिव मरीज अस्पताल में भर्ती हुआ था, जिसका इलाज हमने किया. इस दौरान हॉस्पिटल स्टाफ के कुछ लोग COVID-19 से संक्रमित हो गये.
महाराष्ट्र पहला राज्य जहां मरीज की संख्या 1000 के पार
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है जहां वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1,000 से ऊपर चली गयी है. राज्य में मंगलवार को कोविड-19 से 12 लोगों की मौत होने के साथ ही वायरस संक्रमण से प्रदेश मे मरने वालों की संख्या 64 पहुंच गयी है. बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि संक्रमण से मंगलवार को पांच लोगों की मौत हुई है. अभी तक शहर में 40 लोगों की मौत कोविड-19 से हुई है. मंगलवार को आए कोविड-19 के 150 नए मामलों में से 116 अकेले मुंबई से आये हैं.
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ठाकरे ने ली विशेषज्ञों की मदद
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना वायरस संकट के दौरान सुरक्षित रहने के लिए लोगों द्वारा उठाये जाने वाले कदमों के बारे में प्रभावशाली तरीके से सूचना प्रसारित करने के लिए क्रिएटिव कंटेंट डेवलेपर्स की मदद से एक जागरूकता अभियान शुरू किया है. इस संक्रामक रोग के महामारी का रूप लेने के बाद से लोगों के लिए घरों में रहना, आइसोलेशन करना और सामाजिक दूरी बनाना महत्वपूर्ण हो गया है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया कि इस संदेश को प्रभावशाली तरीके से देने के लिए सर जे जे इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड आर्ट्स के पूर्व छात्र रहे मुख्यमंत्री ने जागरूकता अभियान चलाने के लिए संचार एवं डिजाइनिंग विशेषज्ञ भूपल रामनाथकर की मदद ली है.