बनना चाहती थी डॉक्टर और बन गई सरपंच, महाराष्ट्र में 21 वर्षीय मेडिकल की छात्रा जीती पंचायत चुनाव
यशोधरा शिंदे ने कहा कि वह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं, छात्रों के लिए ई-लर्निंग और अन्य शिक्षा साधन पेश करने के साथ ही बच्चों को अच्छी स्वास्थ्य आदतें अपनाने में मदद करना चाहती हैं, युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने और गांव में किसान समुदाय के कल्याण में योगदान देना चाहती हैं.
पुणे : महाराष्ट्र के सांगली जिले की मिराज तहसील के वड्डी गांव की यशोधरा शिंदे बनना तो चाहती थीं डॉक्टर, लेकिन किस्मत ने उन्हें पंचायत का सरपंच बना दिया. 21 वर्षीय मेडिकल की छात्रा यशोधरा शिंदे डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए जॉर्जिया गई थीं. वहां से गांव लौटीं, तो सरपंच का चुनाव लड़ा और उसमें उन्होंने जीत का परचम लहराया. अब जबकि उन्होंने पंचायत चुनाव में जीत दर्ज करा चुकी हैं, तो उन्होंने गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रण किया है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यशोधरा शिंदे अब सांगली जिले की मिराज तहसील स्थित अपने गांव वड्डी की बेहतरी के लिए काम करने और ऑनलाइन माध्यम से अपनी पढ़ाई पूरी करने की योजना बना रही हैं.
गांव में किसानों के कल्याण में करेंगी योगदान
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, यशोधरा शिंदे ने कहा कि वह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं, छात्रों के लिए ई-लर्निंग और अन्य शिक्षा साधन पेश करने के साथ ही बच्चों को अच्छी स्वास्थ्य आदतें अपनाने में मदद करना चाहती हैं, युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने और गांव में किसान समुदाय के कल्याण में योगदान देना चाहती हैं. यशोधरा ने कहा कि मैं जॉर्जिया में न्यू विजन यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हूं. अभी मैं चौथे साल में हूं और डेढ़ साल की पढ़ाई अभी बाकी है.
महिलाओं को बनाएंगी आत्मनिर्भर
यशोधरा शिंदे ने कहा कि जब मेरे गांव में चुनाव की घोषणा हुई, तो स्थानीय लोग चाहते थे कि हमारे परिवार से कोई सरपंच पद के लिए चुनाव लड़े. मुझे इस पद के लिए चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया गया. मेरे परिवार का फोन आया और मैं वापस लौटी, चुनाव लड़ा और जीत गई. गांव के विकास के लिए सरपंच के रूप में उनकी योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर यशोधरा शिंदे ने कहा कि उनका मुख्य ध्यान महिलाओं के मुद्दों को हल करना और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना होगा.
गांव में शौचालय निर्माण की दिशा में करूंगी काम
यशोधरा ने कहा, ‘मेरा विचार है कि महिलाओं को यह दिखाने का समान अवसर मिलना चाहिए कि वे क्या करने में सक्षम हैं और मैं उन्हें शिक्षित और स्वतंत्र बनाना चाहती हूं, ताकि वे पुरुषों पर निर्भर नहीं हों.’ उनकी प्राथमिकता सूची में बच्चों का कल्याण और उनकी शिक्षा भी शामिल है. उन्होंने कहा कि मैं उन्हें ई-लर्निंग और आधुनिक शिक्षा के महत्व के बारे में बताना चाहूंगी.’ उन्होंने कहा कि मैं गांव में शौचालयों के निर्माण की दिशा में भी काम करना चाहती हूं और लड़कियों और महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिन की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करना चाहती हूं. साथ ही, बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य आदतें अपनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गांव में 70 से 80 फीसदी आबादी खेती करती है और मैं उनके सतत विकास के लिए काम करना चाहूंगी.
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ऑनलाइन मेडिकल की पढ़ाई करेंगी पूरी
मेडिकल की पढ़ाई के बारे में पूछे जाने पर कि वह इसे कैसे आगे बढ़ाएंगी. इसके जवाब में यशोधरा शिंदे ने कहा कि वह अपनी शिक्षा ऑनलाइन पूरी करेंगी और उनके दोस्त भी पढ़ाई में उनकी मदद करेंगे. बता दें कि महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में 7,682 ग्राम पंचायतों के लिए 18 दिसंबर को मतदान हुआ था. इसके नतीजे पिछले मंगलवार को घोषित किए गए थे.