रेलवे का निजीकरण नहीं करेंगे, निजी पूंजी भागीदारी बढ़ाना चाहते हैं : सुरेश प्रभु

मुंबई : केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज रेलवे के निजीकरण की आशंकाओं को खारिज किया. उल्लेखनीय है कि हाल में पूर्वोत्तर के दौरे पर गये प्रधानमंत्री ने रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए निजी पार्टनरों की भूमिका बढ़ाने की बात कही थी, जिससे यह संदेश गया था कि सरकार रेलवे का निजीकरण करने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2014 6:00 PM

मुंबई : केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज रेलवे के निजीकरण की आशंकाओं को खारिज किया. उल्लेखनीय है कि हाल में पूर्वोत्तर के दौरे पर गये प्रधानमंत्री ने रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए निजी पार्टनरों की भूमिका बढ़ाने की बात कही थी, जिससे यह संदेश गया था कि सरकार रेलवे का निजीकरण करने के पक्ष में है. रेलमंत्री ने आज कहा कि संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिए आर्थिक तंगी से जूझ रहे रेलवे में केंद्र निजी पूंजी निवेश करना चाहता है और उन्होंने रेलवे यूनियनों द्वारा रेलवे का निजीकरण किये जाने के दावों को खारिज कर दिया.

एशिया सोसाइटी समारोह को वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने कहा ‘‘हम लोग निजी भागीदारी करना चाहते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम लोग रेलवे संचालनों का निजीकरण करना चाहते हैं.’’ हाल ही में रेल मंत्री के रूप में प्रभार संभालने वाले प्रभु ने कहा कि कुछ लोग खासकर यूनियनें निजी पूंजी प्राप्ति और निजीकरण के बीच के अंतर को नहीं समझ पा रही हैं.

चिंताओं को दूर करने की मांग पर उन्होंने कहा ‘‘यूनियनों को लगता है कि रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है और रेलवे अब सरकार के स्वामित्व में नहीं रहेगी. भारत की सामाजिक-आर्थिक संस्कृति का रेलवे लगातार एक महत्वपूर्ण, प्रमुख हिस्सा बना रहेगा और भारत सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हम लोग निजी भागीदारी को लेकर व्यापारगत मुद्दों पर काम करेंगे जिसे उचित नियामक ढांचे के तहत सामने लाया जाएगा.’’ नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से रेलवे में विदेशी और निजी निवेश को लेकर काफी बातें होती रही हैं. सरकार द्वारा संचालित इस परिवहन प्रतिष्ठान के 20 लाख कर्मचारियों का नेतृत्व करने वाली यूनियनों ने इस तरह के उपायों का विरोध किया है. हाल ही में दो यूनियनों ने कर्मचारी भविष्य निधि कोष का रेल नेटवर्क को विकसित करने में इस्तेमाल करने का प्रस्ताव भी दिया है.

Next Article

Exit mobile version