शहादत का अपमान : सीआरपीएफ ने खून से सनी वर्दियां कूडे में मिलने की जांच के आदेश दिए

रायपुर : छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर में शहीदों की वर्दी के साथ अपमान का मामला सामने आया है. यहां जवानों की वर्दी कचरे के ढेर में पाये जाने से रोष का आलम है. इस घटना पर विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए इसे शहीदों का अपमान बताया है.वहीं CRPF ने इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2014 9:40 AM

रायपुर : छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर में शहीदों की वर्दी के साथ अपमान का मामला सामने आया है. यहां जवानों की वर्दी कचरे के ढेर में पाये जाने से रोष का आलम है. इस घटना पर विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए इसे शहीदों का अपमान बताया है.वहीं CRPF ने इस मामले में शिकायत दर्ज करायी है.

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने आज कहा कि उसने कूडे के ढेर में खून से सनी वर्दियां मिलने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं. ये वर्दियां छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर में एक अस्पताल के पास कूडे के ढेर से मिली थीं और ऐसा संदेह है कि ये वर्दियां सीआरपीएफ के उन्हीं जवानों की हैं, जो राज्य में हुए हालिया नक्सली हमले में शहीद हो गए थे. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कार्यवाहक प्रमुख आरसी तायल ने कहा कि जांच राज्य के महानिरीक्षक द्वारा की जाएगी और रिपोर्ट जल्द सौंपी जाएगी.

राज्य के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सोमवार को मुठभेड में 14 जवान शहीद हो गए थे तथा 15 अन्य घायल हैं. घटना के बाद जवानों के शवों और घायलों को रायपुर रवाना किया गया तथा शवों का यहां के डाक्टर भीम राव अंबेडकर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया. लेकिन पोस्टमार्टम के बाद शहीद जवानों की वर्दी अस्पताल के किनारे कचरे के ढेर में फेंक दिया गया.

इधर, आज जब इस मामले का खुलासा हुआ तब रायपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय अस्पताल पहुंच गए और वर्दियों को एकत्र कर कांग्रेस भवन ले आए. बाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकारियों ने वर्दियों को अपने कब्जे में लिया. घटना के बाद कांग्रेस ने इसे शहीदों का अपमान बताया और कहा कि शहीदों का अपमान करने वाली सरकार को एक पल भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है.

इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टी. एस. सिंहदेव ने कहा है कि छत्तीसगढ सरकार इसके लिए शहीदों के परिजनों और पूरे देश से माफी मांगे. जो सरकार शहीदों की स्मृतियों का सम्मान नहीं कर सकती उसे सत्ता में एक क्षण भी बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. भाजपा सरकार शहीदों के अवशेषों को भी संभालकर नहीं रख सकी. बघेल ने कहा कि मुर्दाघर के बाहर जवानों के जूते, कपडे बिखरे पडे हैं. शहीद जवानों की वर्दी कूडेदान में पडी मिलती है. शरीर के टुकडों को कुत्ते खा रहे हैं. भाजपा की सरकार में इतनी मानवता, इतनी सौजन्यता नही है कि शहीदों के अवशेषों और स्मृतियों को सम्मान के साथ रखे.

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ की भाजपा सरकार के लिए यह नई बात भी नहीं है. इसके पहले शहीद जवानों के शव दंतेवाडा जिले के किरन्दुल में कूडा गाडी में ढोये गये थे. जिला कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय ने बताया कि जब उन्हें जवानों की वर्दी कचरे में पडे होने की जानकारी मिली तब वह अस्पताल पहुंचे और कूडेदान में पडे जवानों के 10 जोडी जूते और चार वर्दियों को एकत्र कर कांग्रेस भवन ले आए.

उपाध्याय ने बताया कि बाद में शाम को जब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकारी कांग्रेस भवन पहुंचे तब वर्दियों और जूतों को उनके हवाले कर दिया गया. इधर, राज्य में नक्सल मामलों के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आरके विज ने कहा कि जवानों के शवों के पोस्टमार्टम के बाद वर्दियों को पुलिस अपने साथ ले आती है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हो पाया। घटना की जानकारी मिलने के बाद सीआरपीएफ के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई तथा वर्दियों को वापस मंगाने के लिए कहा गया.

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के उपमहानिरीक्षक प्रदीप चंद्रा ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वर्दी को मंगा लिया गया है तथा इस मामले में गलती किसकी है जांच की जा रही है.

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