भाजपा-कांग्रेस को टक्कर देने के लिए नयी पार्टी बनाएगी जनता परिवार, 22 को धरने का भी ऐलान
नयी दिल्ली : आज समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के निवास पर एक बैठक हुई जिसमें उनके अलावा राजद सुप्रीमो लालू यादव,जदयू नेता एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई समाजवादी नेता शामिल थे. इस बैठक में इन नेताओं ने साथ मिलकर राजनीति करने पर विचार किया. बैठक के बाद नीतीश […]
नयी दिल्ली : आज समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के निवास पर एक बैठक हुई जिसमें उनके अलावा राजद सुप्रीमो लालू यादव,जदयू नेता एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई समाजवादी नेता शामिल थे. इस बैठक में इन नेताओं ने साथ मिलकर राजनीति करने पर विचार किया.
बैठक के बाद नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि हमने आज की राजनीति पर चर्चा की और कई मुद्दों पर साथ मिलकर राजनीति करने का निर्णय किया. नीतीश ने बताया कि अगली बैठक 22 दिसंबर को होगी.इसी दिन जनता परिवार की सभी पार्टियों ने राजधानी में कालेधन, किसानों और बेरोजगारी की समस्या पर राजधानी में धरना देना का ऐलान किया है ताकि संसद के बाहर भी केंद्र की एनडीए सरकार को घेरा जा सके.उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस से इतर पार्टियों को साथ लाने की जिम्मेदारी और निर्णय लेने का अधिकार हमने मुलायम जी को सौंपा है.
जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने मीटिंग के बाद कहा कि हम एक पार्टी बनाने पर सहमत हैं और इसकी जिम्मेदारी मुलायम सिंह यादव को सौंपी गयी है. वहीं राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि देश में आज कई शक्तियां हैं, जो सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ एकजुट होना चाहती हैं. वहीं साध्वी निरंजन ज्योति के मुद्दे पर लालू यादव ने कहा कि यहां कई ऐसी साध्वी हैं, जो देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहती हैं.
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व ही नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, शरद यादव जैसे दिग्गज समाजवादी नेताओं का सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के दिल्ली आवास पर महाजुटान हुआ था. उस समय से ही कयास लगाये जा रहे हैं कि महागंठबंधन के रूप में एक नयी पार्टी का जन्महो सकता है जो कांग्रेस और भाजपा को कांटे की टक्कर देगी.
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि गुरुवार की बैठक में सभी नेताओं के बीच एक पार्टी बनाना मुख्य एजेंडा होगा. 1990 के दशक में मुलायम सिंह यादव, एचडी देवगौड़ा, नीतीश कुमार, लालू प्रसाद व शरद यादव जनता दल परिवार के हिस्सा रहे थे. बाद में सभी नेता धीरे-धीरे अलग होते गये.