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साध्‍वी पर सदन में तकरार बरकरार, रास की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार की मंत्री साध्‍वी निरंजन ज्योति के बयान को लेकर आज तीसरे दिन भी दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ जिसे देखते हुए राज्यसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा. सदन शुरू होने के बाद से ही विपक्ष मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करने लगा जिसके बाद […]

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार की मंत्री साध्‍वी निरंजन ज्योति के बयान को लेकर आज तीसरे दिन भी दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ जिसे देखते हुए राज्यसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा. सदन शुरू होने के बाद से ही विपक्ष मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करने लगा जिसके बाद प्रधानमंत्री ने खुद साध्‍वी के बयान पर राज्यसभा में खेद व्यक्त किया. प्रधानमंत्री के बयान के बाद भी विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा. टीएमसी और कांग्रेस सांसदों ने अध्‍यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए सदन सेबॉयकॉटकर दिया.

गौरतलब है कि विपक्ष साध्‍वी प्रकरण में दोनों सदनों में आक्रमक रूख अख्‍तियार किए हुए है. विपक्ष की ओर से साध्‍वी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग कर रहा है.

आज भी संसद के दोनों सदनों में इस प्रकरण को लेकर हंगामा किया गया. राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होने के पश्‍चात लगभग 11:25 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे प्रकरण पर खेद जाहिर करते हुए देश हित में सदन चलने देने का आग्रह किया. प्रधानमंत्री ने कहा साध्‍वी अनुभव में नयी हैं और उन्होंने इस मामले में माफी मांग ली है. प्रधानमंत्री ने ऐसे बयानों से बचकर रहने की अपील की साथ ही यह दोहराया कि सदन में इस बात के उठने के पहले उन्होंने भाजपा संसदीय दल में इस मुद्दे को उठाते हुए सांसदों को ऐसे बयान से बचने की हिदायद दी थी.

मोदी ने कहा, ‘‘जिस बयान को लेकर विवाद चल रहा है. जब इस बयान के विषय में मुझे जानकारी मिली, उसी दिन सुबह मेरी पार्टी की बैठक थी. संसद सदस्यों की बैठक थी. उसमें मैंने बहुत कठोरता से इस प्रकार की भाषा को नामंजूर किया. और मैंने यह भी कहा कि हम सबको इन चीजों से बचना चाहिए.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘चुनाव की गर्मागर्मी में भी हमें बचने की कोशिश करना चाहिए.’’ उन्होंने यह संकेत दिया कि यह मामला पहले ही भाजपा के संसदीय दल में उठा था और वहां हुए फैसले के तहत ही संबंधित मंत्री ने संसद में बयान दिया था.

प्रधानमंत्री के बयान पर बोलते हुए वरिष्‍ठ कांग्रेसी सांसद आनंद शर्मा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि संसदीय परंपराओं एवं मर्यादाओं का हर हाल में सम्मान होना चाहिए. एक मंत्री संवैधानिक जिम्मेदारियों से जुड़ा होता है अत: प्रधानमंत्री को संज्ञान लेते हुए उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए.

चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए भाजपा के संकटमोचक और केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि विपक्ष प्रधानमंत्री से साध्‍वी प्रकरण में बयान की मांग कर रहा था अब जबकि प्रधानमंत्री ने इस विषय पर अपना बयान दे दिया है तो विपक्ष को सदन चलाने में मदद करनी चाहिए.

वहीं पर माकपा के वरिष्‍ठ सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा कि अब जबकि प्रधानमंत्री ने भी अपनी मंत्री की भूल को स्वीकार कर ली है तो उन्हें मंत्रिपरिषद से बर्खास्त किया जाना चाहिए. इसके पश्‍चात इस विषय पर जदयू के वरिष्‍ठ सदस्य शरद यादव अपना पक्ष रखने के लिए खड़े हुए पर हंगामे की वजह से कुछ न कह सके. हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी.

गौरतलब है कि मंत्री के विवादास्पद बयान पर उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने और प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर बयान देने की मांग को लेकर विपक्ष ने पिछले तीन दिन से उच्च सदन की कार्यवाही को बाधित कर रखा है. साध्वी निरंजन ज्योति ने मंगलवार को लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों सदनों में अपने शब्दों पर खेद जताया था. उन्होंने उच्च सदन में यह भी कहा था कि यदि सदन को लगता है तो वह माफी मांगने को भी तैयार हैं.

इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने के बादलोकसभा में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज सुबह उत्तर प्रदेश के मऊ में हुए रेलवे दुर्घटना की जानकारी दी. उन्होंने मारे गए बच्चों के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए मुआवजे की घोषणा की.

सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसदीय कार्य मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा कि हमने साध्‍वी के बयान पर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है. उनको बर्खास्त करने का सवाल ही नहीं उठता.

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