आनंद शर्मा ने कहा, विपक्ष की किसी व्यक्ति के प्रति कोई दुर्भावना नहीं
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्यसभा में दिए गए बयान से विपक्ष संतुष्ट नहीं दिख रहा है. इस मुद्दे पर कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने मंत्री को बर्खास्त किए जाने की मांग को दोहराते हुए कहा कि विपक्ष की किसी व्यक्ति के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है. लेकिन मंत्री के बयान […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्यसभा में दिए गए बयान से विपक्ष संतुष्ट नहीं दिख रहा है. इस मुद्दे पर कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने मंत्री को बर्खास्त किए जाने की मांग को दोहराते हुए कहा कि विपक्ष की किसी व्यक्ति के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है. लेकिन मंत्री के बयान से संसद, कानून एवं संविधान का अपमान हुआ है. उन्होंने कहा कि मंत्री ने यह बयान दे कर उस संविधान का अपमान किया है जिसकी उन्होंने शपथ ली थी. माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि इन मंत्री ने दोनों सदनों में केवल अपने शब्दों पर खेद जताया है, माफी नहीं मांगी है. उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति ऐसे में मंत्री कैसे रह सकता है जबकि उसने संविधान और कानून का उल्लंघन किया हो.
जदयू नेता शरद यादव ने कहा कि एक ओर तो प्रधानमंत्री ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करते हैं वहीं उनके मंत्री ऐसा बयान देते हैं जिससे तनाव और वैमनस्य बढता है. उन्होंने भी कहा कि इन मंत्री ने अपनी शपथ का उल्लंघन किया है इसलिए उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. इसके बाद सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने प्रधानमंत्री के अनुरोध के बाद इस मुद्दे को और न बढाए जाने की मांग की जबकि विपक्षी सदस्य मांग कर रहे थे कि उनके नेताओं को इस मुद्दे पर बोलने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए. हंगामे के बीच ही नायडू ने कहा कि पिछले तीन दिन से इसी मुद्दे पर विपक्ष के नेता बोल रहे हैं और अब यह मामला खत्म हो जाना चाहिए.
इसी बीच, कांग्रेस, सपा, जदयू और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए. उप सभापति पी जे कुरियन ने इन सदस्यों से अपने स्थान पर वापस जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया. लेकिन उनके अनुरोध का कोई असर होते न देख कुरियन ने बैठक को पहले 15 मिनट के लिए और फिर दोपहर 11 बज कर 40 मिनट पर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.