देहरादून : बाढ़ के कारण उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में फंसे स्थानीय लोगों तक कोई मदद नहीं पहुंच पा रही है. सेना के जवान भी वहां नहीं पहुंच पाये, लेकिन इन लोगों की मदद के लिए आगे आया है पर्वतारोहियों का एक दल, जिसमें माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बछेंद्री पाल, सात महाद्वीपों की ऊंची चोटियों को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला प्रेमलता अग्रवाल के साथ अन्य पर्वतारोही शामिल हैं.
पर्वतारोहियों का यह दल कई दिनों से उत्तरकाशी में डेरा डाले हुए है और बाढ़ प्रभावित लोगों तक आवश्यक सामग्री पहुंचा रहा है. उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में न तो बिजली है और न ही पीने का पानी. पर्वतारोहियों का दल पिछले हफ्ते उत्तरकाशी पहुंचा. दल के लोग उन छह गांवों तक पहुंच गये, जहां के 400 लोग 16 जून से भूखे और प्यासे बैठे थे. इन लोगों के घर बाढ़ में तबाह हो गये हैं. पर्वतारोहियों के इस दल ने रास्ते में कई लोगों को बचाया. साथ ही कई निर्जलित सैलानियों की मदद की.
मदद की गुहार : पर्वतारोहियों के इस दल ने टाटा रिलीफ ट्रस्ट और कई अन्य एनजीओ से बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों की मदद की अपील की है. इन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों में खाना, दवाईयां, माचिस के बॉक्स, मोमबत्तियां, कंबल और टेंट गिराने को कहा है.