क्या आसानी से हो पायेगा आशुतोष महाराज का अंतिम संस्कार ?
जालंधरः आशुतोष महाराज के अंतिम संस्कार के आदेश आने के बाद महाराज के समर्थक खासे नाराज है. महाराज के समर्थकों की भीड़ संस्थान में बढ़ती जा रही है. संस्थान इस बात पर जोर दे रहा है कि यह अध्यात्म का मामला है. कोर्ट इस मामले में इस तरह दखल नहीं दे सकता. दिव्य ज्योति जागृति […]
जालंधरः आशुतोष महाराज के अंतिम संस्कार के आदेश आने के बाद महाराज के समर्थक खासे नाराज है. महाराज के समर्थकों की भीड़ संस्थान में बढ़ती जा रही है. संस्थान इस बात पर जोर दे रहा है कि यह अध्यात्म का मामला है. कोर्ट इस मामले में इस तरह दखल नहीं दे सकता. दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रवक्ता विशालानंद ने कहा कि पहले भी कोर्ट ने समाधि में गये गुरूओं के अंतिम संस्कार का प्रयास किया गया है लेकिन भक्तों और शिष्यों ने गुरू के शरीर को हाथ लगाने तक नहीं दिया.
कोर्ट के फैसले और भक्तों की हठ से साफ है कि कोर्ट के फैसले पर उनके समर्थक आसानी से महाराज के अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं होने वाले हैं. ऐसे में प्रशासन भी अपनी तरह से तैयारी में लग गया है. डीसी केके यादव व एसएसपी नरिंदर भार्गव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. अदालत के आदेश का पालन किया जाएगा. सूत्रों के अनुसार संस्कार के लिए गठित कमेटी के कुछ सदस्यों को साथ लेकर डीसी व एसएसपी ने बुधवार को संस्थान का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था की पड़ताल की हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की है. पुलिस ने संस्थान के पास आठ लाइसेंसी हथियार होने की पुष्टि की है. संस्कार कमेटी की अभी आधिकारिक तौर पर कोई बैठक नहीं हुई है.
प्रवक्ता विशालानंद ने संस्थान ने कभी भी सुरक्षा नहीं मांगी है. जब धमकियां मिल रही थीं तो गुरु महाराज ने ही सेवादारों को सुरक्षा के लिए तैयार किया था. उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल कोर्ट के आदेश को अदालत की डबल बेंच में एक-दो दिन में चुनौती दी जाएगी. हम पूरा विश्वास है कि कोर्ट हमारी भावनाओं को समझेगा. सतलोक आश्रम में हुआ भारी हंगामा अभी ठीक से ठंडा हुआ नहीं है तभी एक और मामला सरकार और प्रशासन को चुनौती देता नजर आ रहा है.
गौरतलब है कि दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रमुख आशुतोष महाराज महीनों से कथित रूप से गहन समाधि में हैं. डॉक्टरों ने उन्हें क्लिनिकली डेड भी घोषित कर दिया था. संस्थान में उनके सेवादार आज भी इसी दावे पर कायम हैं कि महाराज कभी भी वापस आ सकते हैं. हाईकोर्ट ने इस मामले में सोमवार को आदेश दिया है कि डीसी की अगुवाई में एसएसपी व अन्य अधिकारियों की कमेटी बनाकर महाराज का संस्कार करवाया जाए.