मुंडे मौत मामले में ट्रैक्सी चालक के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल
नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की सडक हादसे में मौत के छह महीने बाद सीबीआई ने आज टैक्सी चालक गुरविन्दर सिंह के खिलाफ लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाने के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया है और मामले में किसी प्रकार की साजिश से इंकार किया. सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं […]
नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की सडक हादसे में मौत के छह महीने बाद सीबीआई ने आज टैक्सी चालक गुरविन्दर सिंह के खिलाफ लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाने के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया है और मामले में किसी प्रकार की साजिश से इंकार किया.
सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 279 और 304 ए के तहत सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है. दोष साबित होने पर टैक्सी चालक को अधिकतम दो वर्ष कारावास की सजा हो सकती है.
सिंह की टैक्सी मुंडे के सरकारी वाहन से पृथ्वीराज रोड – तुगलक रोड के गोल चक्कर पर टकरायी थी. लुटियंस जोन के मध्य भाग में यह हादसा तीन जून को हुआ जब मुंडे इंदिरागांधी हवाई अड्डे की ओर जा रहे थे.
सिंह का आरोप है कि मंत्री के चालक ने लाल बत्ती पार की जिसके कारण टक्कर हो गयी. सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने 32 वर्षीय सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. बाद में मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया जिसने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 279 (खराब तरीके से वाहन चलाना) और 304 ए (लापरवाही से वाहन चलाना) के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया.
केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की मौत में किसी प्रकार की साजिश से सीबीआई पहले ही इनकार कर चुकी है और ‘‘विश्वसनीय तरीके से’’ साबित कर चुकी है कि केंद्रीय मंत्री की मौत सडक हादसे में लगी चोटों के कारण हुई.
सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि महाराष्ट्र से पिछडे वर्ग के लोकप्रिय नेता 64 वर्षीय मुंडे की मौत सडक हादसे के दौरान सदमा लगने, हेमरेज और गर्दन तथा यकृत में चोट लगने से हुई.
महाराष्ट्र के विभिन्न नेताओं ने इस सडक हादसे की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. मौत से कुछ ही वक्त पहले उन्होंने नवगठित नरेन्द्र मोदी सरकार में केंद्रीय ग्रामीण मंत्रालय का कार्यभार संभाला था.
सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘मुंडे की मौत में किसी प्रकार की साजिश या आपराधिक षड्यंत्र होने का पता लगाने के लिए की जा रही जांच पूरी हो गई है. जांच के दौरान प्रत्येक संभव साक्ष्य और पहलुओं से तहकीकात की गयी.’’ उसके मुताबिक, ‘‘संदिग्ध लोगों और मंत्री से जुडे सभी लोगों की पृष्ठभूमि और गतिविधियों की जांच भी की गयी. हालांकि रिपोर्ट में अंतत: मुंडे की मौत में कोई गडबडी होने से इनकार किया गया और कहा गया है कि उनकी मौत हादसे में लगे जख्मों के कारण हुई.’’