माले में जल संकट, भारत ने विमान पोतों से पानी भेजा
नयी दिल्ली: मालदीव की राजधानी माले के एक जल संयंत्र में आग लगने के कारण पैदा हुई पानी की किल्लत के मद्देनजर भारत ने शुक्रवार को वायुसेना के परिवहन विमानों और नौसेना के पोतों के जरिए करीब 200 टन पानी भेजा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकट की इस घड़ी में मालदीव को पूरी मदद देने […]
नयी दिल्ली: मालदीव की राजधानी माले के एक जल संयंत्र में आग लगने के कारण पैदा हुई पानी की किल्लत के मद्देनजर भारत ने शुक्रवार को वायुसेना के परिवहन विमानों और नौसेना के पोतों के जरिए करीब 200 टन पानी भेजा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकट की इस घड़ी में मालदीव को पूरी मदद देने का वादा किया है.
I assure you President @MohamedNasheed that India stands shoulder to shoulder with Maldives & together we will take our ties further ahead.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 5, 2014
मोदी ने ट्वीट किया, मैं भरोसा दिलाता हूं कि भारत मालदीव के लोगों के साथ कंधे से कंधे से मिलाकर खड़ा किया है और हम साथ मिलकर अपने रिश्ते को आगे ले जाएंगे. प्रधानमंत्री के इस बयान से पहले मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और दूसरे नेताओं ने मदद के लिए मोदी और भारत का आभार व्यक्त किया.
मोदी ने कहा कि हाल ही में, मैंने राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के साथ उपयोगी बैठक की. हम अपनी पूरी क्षमता के साथ मदद का हाथ बढाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. नशीद के एक ट्वीट के जवाब में मोदी ने कहा कि मैं आपकी भावनाओं का स्वागत करता हूं और यह कहना चाहता हूं कि मित्रों के तौर पर हम हमेशा एक दूसरे की मदद के लिए तैयार हैं.
इससे पहले नशीद ने ट्वीट किया था कि मैं मालदीव के लोगों के त्वरित और दयालुतापूर्ण सहयोग के लिए भारत के लोगों, सेना और सरकार का आभार व्यक्त करता हूं.
भारत की ओर से मदद का यह प्रयास उस वक्त किया गया जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को उनके मालदीव के समकक्ष ने फोन किया.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बताया कि फोन के बाद सुषमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क किया और दूसरे विभागों से मंजूरी ली.
माले स्थित भारतीय उच्चायोग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संकट से अवगत हैं तथा मालदीव के लोगों और नेतृत्व को पूरे सहयोग का वादा किया है.
उच्चायोग ने कहा कि भारत और मालदीव के बीच मजबूत, मित्रतापूर्ण और नजदीकी संबंध को ध्यान में रखते हुए भारत ने मालदीव की ओर से किए गए आग्रह पर तत्काल और त्वरित प्रतिक्रिया दी. पहला विमान (आईएल 76) 22 टन पानी के साथ शुक्रवार दोपहर माले पहुंचा. सी-17 ग्लोबमास्टर-3 भी 28 टन पानी लेकर माले पहुंचा.
रक्षा मंत्रालय ने कल एक आधिकारिक बयान में कहा कि दो और आईएल-17 विमान के नई दिल्ली से रवाना होने की भी सूचना दी
मालदीव में पानी के साथ-साथ दो आरओ संयंत्र भी ले जाए गए. एक आरओ एक दिन में 20 टन पानी को शुद्ध कर सकता है.
अकबरुद्दीन ने एक और पोत को शनिवार को मुंबई से माले के लिए रवाना होने के लिए कहा है. माले वाटर एण्ड सीवरेज कंपनी के जनरेटर कंट्रोल पैनल में चार दिसंबर को आग लग गई थी. इससे इस संयंत्र को काफी नुकसान पहुंचा और पानी की आपूर्ति ठप्प पड़ गई.
मित्र देश मालदीव से भारत के अच्छे संबंध हैं. यह संबंध सांस्कृतिक और सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है.मालदीव समुद्र से घिरा हुआ देश जिस कारण यहां पेयजल की किल्लत रहती है. पानी की बुरे हालातों का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि यहां के नागरिक अपनी कमाई का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा हिस्सा सिर्फ पानी खरीदने में ही खर्च कर देते हैं.