अयोध्या : बाबरी मस्जिद गिराए जाने की 22 वीं बरसी पर अयोध्या एक किले में तब्दील हो गया है जहां करीब 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. दरअसल, मुस्लिम संगठनों ने इस दिन (छह दिसंबर को) काला झंडा फहराने की अपील की है जबकि हिंदू संगठन इस दिन उत्सव मनाना चाहते हैं.
शहर में निषेधाज्ञा लगा दी गयी है और करीब 10,000 पुलिसकर्मी तथा दंगा रोधी कर्मी चौकसी कर रहे हैं. स्थानीय प्रशासन ने अयोध्या और फैजाबाद के चारों ओर त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया है. अधीक्षक स्तर के अधिकारी मुख्य इलाकों में जमे हुए हैं. पूरी अयोध्या नगरी में दो दर्जन सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं.
दरअसल, मुस्लिम संगठनों ने घोषणा की है कि इसे काला दिवस के रुप में मनाया जाएगा. उन्होंने अपने समुदाय के लोगों से काला झंडा फहराने और बंद रखने की अपील की है. वहीं, विश्व हिंदू परिषद सहित हिंदू संगठनों ने कहा है कि वे इसे शौर्य दिवस के रुप में मनाएंगे.
सरयू नदी में चौबीसों घंटों पानी की निगरानी के लिए पीएसी की एक बाढ कंपनी तैनात की गयी है ताकि नदी से होने वाली किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके. अयोध्या नगरी के सभी प्रवेश द्वारों को सील कर दिया गया है और सिर्फ पूर्ण सुरक्षा जांच के बाद ही प्रवेश की इजाजत है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक केबी सिंह ने बताया, हम दोनों समुदायों के जिम्मेदार एवं शांतिपूर्ण लोगों के लगातार संपर्क में हैं. छह दिसंबर का दिन दोनों शहरों के सामान्य जीवन में बिना किसी व्यवधान के शांतिपूर्वक गुजरेगा.