अरबपति अफसर यादव सिंह के कारनामों की जांच करेगी एसआइटी
नयी दिल्ली : नोएडा अथॉरिटी के विवादास्पद अधिकारी यादव सिंह अब विशेष जांच टीम(एसआइटी) की कालेधन की जांच के दायरे में आ गए हैं. पिछले दिनों यादव सिंह उस समय चर्चा में आये जब छापेमारी में उनके पास लगभग 1000 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की खबर राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बनी. एसआइटी ने आज […]
नयी दिल्ली : नोएडा अथॉरिटी के विवादास्पद अधिकारी यादव सिंह अब विशेष जांच टीम(एसआइटी) की कालेधन की जांच के दायरे में आ गए हैं. पिछले दिनों यादव सिंह उस समय चर्चा में आये जब छापेमारी में उनके पास लगभग 1000 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की खबर राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बनी. एसआइटी ने आज सीबीडीटी से कहा कि वह इस बारे में जानकारी प्रवर्तन निदेशालय के साथ बांटे ताकि सिंह व उनके सहयोगियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग के आरोप तय किये जा सकें. यादव सिंह पर भारी मात्र में अवैध धन संपत्ति एकत्रित करने का आरोप है.
एसआइटी के चेयरमैन सेवानिवृत्त न्यायाधीश एमबी शाह तथा वाइस चेयरमैन सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरिजित पसायत ने इस बारे में बैठक कर सीबीडीटी अधिकारियों के साथ मामले पर चर्चा की. बैठक में सीबीडीटी की चेयरपर्सन अनिता कपूर तथा लखनऊ स्थित जांच निदेशालय के आयकर अधिकारी भी शामिल हुए. इन अधिकारियों ने ही पिछले महीने यादव सिंह के कार्यालयों तथा उन अनेक कंपनियों पर छापे मारे जिनमें सिंह की पत्नी के जुड़े होने का संदेह है.
बैठक के बाद एसआइटी ने महानिदेशक(आइटी जांच) लखनऊ से कहा कि वह इस मामले में सूचनाएं प्रवर्तन निदेशालय के साथ साझा करे ताकि यादव सिंह के खिलाफ मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के आपराधिक प्रावधानों के तहत भी जांच की जा सके.
सूत्रों ने कहा कि एसआइटी ने कथित कर चोरी के इस मामले को गंभीरता से लिया है और भारी मात्र में अवैध धन सृजन का संदेह है. आयकर विभाग पहले ही बड़ी मात्र में नकदी जब्त कर चुका है और यादव सिंह द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कार्यान्वित की जा रही रीयल एस्टेट परियोजनाओं से जुड़े दस्तावेजों की जांच की जा रही है.