कांग्रेस ने किया टि्वटर पर मोदी सरकार पर हमला

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के उरी में आतंकवादी हमले, पंजाब के नेत्र शिविर में लोगों की आंखों की रोशनी जाने, विनिवेश, आईआईटी में शिक्षकों की कमी और दूसरे मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया के जरिए नरेन्द्र मोदी सरकार पर हल्ला बोला है. कांग्रेस ने अलग अलग हैशटैग का इस्तेमाल कर एक खबर के शीर्षक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2014 3:11 PM

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के उरी में आतंकवादी हमले, पंजाब के नेत्र शिविर में लोगों की आंखों की रोशनी जाने, विनिवेश, आईआईटी में शिक्षकों की कमी और दूसरे मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया के जरिए नरेन्द्र मोदी सरकार पर हल्ला बोला है.

कांग्रेस ने अलग अलग हैशटैग का इस्तेमाल कर एक खबर के शीर्षक ‘‘विकास के प्रसास में मोदी पर्यावरण नियमों को ताक पर रख रहे हैं. विकास किस कीमत पर?’’, के जरिए भी मोदी सरकार की नीतियों को निशाने पर लिया.कांग्रेस का मानना है कि लोकसभा चुनावों में उसकी अभूतपूर्व हार के कारकों में विशेषकर सोशल मीडिया पर मोदी का आक्रामक मीडिया अभियान शामिल था.
प्रभावशाली विपक्ष बनने की अपनी कोशिश के तहत कांग्रेस ने संबंधित मंत्रालयों को लेकर मीडिया की विभिन्न खबरों के हवाले से सरकार के कामकाज के तरीकों में खामियों को उजागर करना शुरु कर दिया है.
कांग्रेस ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान और उसके बाद मोदी सरकार के प्रमुख मंत्रालयों के फैसलों एवं नीतियों पर नजर रखने और सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने के लिए छाया कैबिनेट समितियों (शैडो कैबिनेट कमिटीज) का गठन किया है.
कांग्रेस ने ट्विटर पर कई खबरों के शीर्षकों को रि-ट्वीट किया है जिनमें ‘पंजाब के नेत्र शिविर में आंखों की रोशनी जाने के पीछे: ‘एक डॉक्टर, 49 सर्जरी’, ‘उरी हमले में आठ सैन्यकर्मी मारे गए’, ‘शिक्षकों की 37 प्रतिशत कमी से जूझ रहे हैं आईआईटी’ आदि शामिल हैं.
एके एंटनी, वीरप्पा मोइली, आनंद शर्मा, ऑस्कर फना’डिस समेत कई पूर्व मंत्री, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खडगे और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद इन समितियों के प्रमुख सदस्य हैं.इन समितियों का गठन ब्रिटिश संसद की संकल्पना पर आधारित है जहां विपक्षी दल मंत्री परिषद के हर सदस्य के प्रतिरुप अपने एक-एक सांसद को नियुक्त करता है.

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