Loading election data...

साध्वी निरंजन का विवादस्पद बयान : सरकार व विपक्ष में सुलह, संभल कर मंत्री-सांसद के बोलने पर सहमति

नयी दिल्ली :राज्यसभा में केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के विवादास्पद बयान पर चल रहा टकराव आज खत्म हो गया. सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर निंदा प्रस्ताव पारित करने पर बनी सहमति के बार सदन को सुव्यवस्थित ढंग से चलाने पर सभी दल सहमत हुए. राज्यसभा की उप सभापति की अध्यक्षता में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2014 2:02 AM

नयी दिल्ली :राज्यसभा में केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के विवादास्पद बयान पर चल रहा टकराव आज खत्म हो गया. सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर निंदा प्रस्ताव पारित करने पर बनी सहमति के बार सदन को सुव्यवस्थित ढंग से चलाने पर सभी दल सहमत हुए. राज्यसभा की उप सभापति की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न दलों के बीच यह सहमति बनी. इसके बाद सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मुद्दे पर दिये गये बयान के अनुरूप निंदा प्रस्ताव लाया गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. इससे पहले सत्ता पक्ष ने साफ कर दिया था कि वह विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा द्वारा इस मुद्दे पर लाये गये निंदा प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा.

इससे पहले, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के विवादास्पद बयान पर आज राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होने के साथ फिर हंगामा शुरू हो गया.केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के विवादास्पद बयान पर आज राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होने के साथ फिर हंगामा शुरू हो गया. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर निंदा प्रस्ताव रखा. बाद में हंगामे कारण राज्यसभा की कार्रवाई 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्यसभा में बयान पर खेद जताने के बाद भी विपक्ष साध्‍वी के बर्खास्तगी पर अड़ा हुआ है. सदन में जारी गतिरोध के बीच सरकार ने रविवार को विपक्षी दलों से अनुरोध किया कि इस मुद्दे को पीछे छोडकर सोमवार से से सदन की सुगम कार्यवाही चलने दें.

संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू ने विपक्ष से ऐसे समय में यह अपील की है जब राज्यसभा की कार्यवाही एक तरह से पूरे हफ्ते नहीं चल पाई है और लोकसभा में भी साध्वी के बयान को लेकर हंगामा होता रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत शुक्रवार को नये सिरे से सभी दलों से संसद में कामकाज होने देने की अपील की थी लेकिन गतिरोध कायम रहा. नायडू ने कहा, ‘‘संसद को चलाना सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी है.’’ उन्होंने कहा कि मंत्री ने खेद जता दिया और प्रधानमंत्री ने भी बयान दे दिया.

नायडू ने कहा, ‘‘हमारी सरकार विपक्ष के प्रति सर्वोच्च मान-सम्मान रखती है. हमने राज्यसभा में एक बहुमूल्य हफ्ता गंवा दिया. सरकार को संसद के दोनों सदनों में महत्वपूर्ण कामकाज कराना है.’’ उन्होंने अपने वरिष्ठ सहयोगियों से परामर्श के बाद रविवार को जारी अपील में कहा, ‘‘मैं विपक्ष से गंभीरता के साथ अपील करता हूं कि इस मुद्दे को छोडकर आगे बढें और सोमवार से संसद का सुगम कामकाज चलने देने में सहयोग करें.’’ सरकार ने संसद के इस हफ्ते के एजेंडे में काफी महत्वपूर्ण कामकाज को रखा है जिसमें कोयला ब्लॉक आवंटन से जुडे अध्यादेश की जगह लाया जाने वाला विधेयक भी शामिल है.

Next Article

Exit mobile version