MDMK ने NDA छोड़ा, मोदी सरकार पर तमिलनाडु से छल का लगाया आरोप

चेन्नई : वाईको के नेतृत्व वाले एमडीएमके ने आज तमिलनाडु में राजग गठबंधन छोड़ने का फैसला किया और आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार तमिलों के खिलाफ काम कर रही है और राज्य के लोगों के साथ उसने छल किया है. एमडीएमकेके जिला सचिवों की बैठक में यहां राजग छोड़ने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2014 4:27 PM

चेन्नई : वाईको के नेतृत्व वाले एमडीएमके ने आज तमिलनाडु में राजग गठबंधन छोड़ने का फैसला किया और आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार तमिलों के खिलाफ काम कर रही है और राज्य के लोगों के साथ उसने छल किया है.

एमडीएमकेके जिला सचिवों की बैठक में यहां राजग छोड़ने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ. लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी गठबंधन में शामिल हुई थी.

पार्टी सुप्रीमो वाईको की तरफ से पेश प्रस्ताव में कहा गया कि एमडीएमके अब भाजपा नीत राजग गठबंधन का हिस्सा नहीं रहेगा क्योंकि भगवा दल नीत सरकार तमिलनाडु के कई मुद्दों के प्रति असंवेदनशील रही है. जिसमें मुल्लापेरियार बांध का मुद्दा भी शामिल है. पार्टी के शीर्ष संगठनों में शामिल जिला सचिवों की बैठक में अपील की गई कि भारत को श्रीलंका का समर्थन नहीं करना चाहिए.

प्रस्ताव में कहा गया कि भाजपा तमिलों के खिलाफ काम कर रही है. मोदी ने महिंदा राजपक्षे को चुनावों के लिए शुभकामना दी. राजपक्षे को भारत रत्न देने के सुब्रमण्यम स्वामी के प्रस्ताव पर मोदी सरकार चुप है. पार्टी ने भाजपा सरकार के शिक्षा के संस्कृतिकरण की भी कड़ी आलोचना की.

पार्टी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने तमिलनाडु के लोगों की जरूरतों का ख्याल नहीं रखा. सरकार ने मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर की समीक्षा की अनुमति दे दी है. मोदी तमिलनाडु के लोगों के साथ छल कर रहे हैं.

तमिलनाडु द्वारा कावेरी प्रबंधन प्राधिकरण के गठन की मांग के परिप्रेक्ष्य में कावेरी जल बंटवारे के मुद्दे पर केंद्र द्वारा कार्रवाई नहीं करने को लेकर भी प्रस्ताव में आलोचना की गई. पार्टी ने राजपक्षे द्वारा माफी दिए जाने के बाद पांच मछुआरों की मौत की सजा खत्म कर रिहा करने को नाटक करार दिया और केंद्र पर मछुआरों के मुद्दों का समाधान नहीं करने का आरोप लगाया.

एमडीएमके मई में हुए लोकसभा चुनावों से पहले तमिलनाडु में भाजपा के नेतृत्व वाले छह दलों के महागठबंधन में शामिल हुआ था. पार्टी ने 39 में से सात सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. भाजपा और राजग गठबंधन के एक अन्य सहयोगी पीएमके ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की थी.

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