सरकारी आदेश के उल्लंघन व धोखाधड़ी मामले में उबर कैब कंपनी पर प्राथमिकी दर्ज

नयी दिल्ली :पुलिस नेउबर कैब कंपनी के खिलाफ सरकार के आदेश के उल्लंघन व धोखाधड़ी मामले में एफआइआर दर्जकर ली है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, धारा 188 यानी सरकार के आदेश के उल्लंघन के आरोप में और धारा 420 यानी धोखाधड़ी के आरोप में उबर कैब कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो गई है. इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2014 12:36 PM
नयी दिल्ली :पुलिस नेउबर कैब कंपनी के खिलाफ सरकार के आदेश के उल्लंघन व धोखाधड़ी मामले में एफआइआर दर्जकर ली है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, धारा 188 यानी सरकार के आदेश के उल्लंघन के आरोप में और धारा 420 यानी धोखाधड़ी के आरोप में उबर कैब कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो गई है.
इस बीच खबर मिली है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आज दोपहर बाद मुलाकात करेंगे और उन्हें पूरे घटनाक्रम व इस संबंध में की गयी कार्रवाई से अवगत करायेंगे. दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे के विभिन्न पहलुओं की चर्चा होगी.
कैब चालक द्वारा 27 वर्षीय महिला के साथ कथित बलात्कार के मामले में अंतरराष्ट्रीय टैक्सी बुकिंग सेवा उबर के अधिकारियों से आज लगातार दूसरे दिन पूछताछ की जाएगी. उबर के महाप्रबंधक (विपणन) और भारत में कंपनी के कामकाज के प्रभारी होने का दावा करने वाले गगन भाटिया कल पूछताछ के दौरान पुलिस को कंपनी के संचालन एवं नीतियों से जुड़ी ज्यादा सूचनाएं उपलब्ध नहीं करा सके.
पुलिस अधिकारियों ने उन्हें आज कुछ दस्तावेज पेश करने के लिए कहा है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम जानना चाहते हैं कि जब कंपनी अपने एप्प के जरिए किसी ग्राहक और कार चालक को एक दूसरे के संपर्क में लाती है तो इसमें उसकी अपनी क्या भूमिका होती है? इस मामले की तरह ही, अगर चालक कोई अपराध करता है तो कंपनी की क्या जिम्मेदारी बनती है? बिजनेस मॉडल क्या है? यह कैसे काम करता है? इसके प्रवर्तक कौन हैं?’’ जांच से जुड़े सूत्रों ने कहा कि भाटिया पुलिस के सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. इसके बाद उन्हें भारत में कंपनी के कामकाज के संदर्भ में दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया.
अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्होंने पहले हमें बताया कि कोई कंटरी हेड नहीं है और वह यूरोप-मध्यपूर्व-एशिया (इएमइए) में संचालन प्रमुख एक व्यक्ति को रिपोर्ट करते हैं. अगर हमें भाटिया से संतोषजनक जवाब नहीं मिलते हैं तो हम पूछताछ के लिए इस इएमइए से संपर्क कर सकते हैं.’’ उन्होंने कहा कि उन्हें कंपनी की ओर से किए गए गंभीर उल्लंघनों का पता चला है. ये उल्लंघन मोटर वाहन अधिनियम और अन्य नियमों से संबंधित हैं.
कल अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) बृजेंद्र कुमार यादव के नेतृत्व वाले एक दल ने भाटिया से पूछताछ की थी. बाद में शाम को दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने कहा कि ‘व्यवस्था में कुछ खामियां हैं’ और इस मामले में कंपनी की ‘तय जिम्मेदारी बनती थी.’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में काली और पीली टैक्सी और रेडियो टैक्सी चलती हैं. रेडियो टैक्सी वर्ष 2006 में लायी गयी थी. टैक्सी उपलब्ध कराने वाले वर्ष 2006 की रेडियो टैक्सी नीति के अंतर्गत तय की गयी कुछ स्थितियों के तहत काम करते हैं.

Next Article

Exit mobile version