पहले साध्वी और अब धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर आयी मोदी सरकार

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के द्वारा धर्म परिवर्तन कराये जाने का मामला आज सदन में गरमा गया है. इस मुद्दे पर मोदी सरकार घिरती दिख रही है. लोकसभा में धर्म परिवर्तन मुद्दे पर कांग्रेस ने ध्‍यानाकर्षन प्रस्ताव लाया और चर्चा की मांग की जिसे स्पीकर ने ठुकरा दिया है. इस मुद्दे पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2014 7:54 AM

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के द्वारा धर्म परिवर्तन कराये जाने का मामला आज सदन में गरमा गया है. इस मुद्दे पर मोदी सरकार घिरती दिख रही है. लोकसभा में धर्म परिवर्तन मुद्दे पर कांग्रेस ने ध्‍यानाकर्षन प्रस्ताव लाया और चर्चा की मांग की जिसे स्पीकर ने ठुकरा दिया है.

इस मुद्दे पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है. इसपर राज्य सरकार और केंद्र सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. संसद में मायावती ने कहा कि अन्य धर्म को मामने वालों पर ज्यादती नहीं होनी चाहिए. यह राज्य सरकार का फर्ज है कि वह उनकी रक्षा करे.

इस मामले पर सरकार गंभीर हो. इससे भी गंभीर बात है कि उन्हें लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया गया है. उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकारी मिली है कि 25 दिसंबर को भी ऐसे कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है . जबरन धर्म परिवर्तन से पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव फैल जाएगा.

मायावती ने कहा कि धर्म परिवर्तन में भाजपा का हाथ है.मायावती के बयान पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस मुद्दे से किसी संगठन का नाम जोड़ना गलत है. इससे केंद्र का कोई लेना देना नहीं है. राज्य सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. लेफ्ट ने मुद्दे पर पीएम को सफाई देने को कहा है.

आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होने पर तृणमूल कांग्रेस सदस्यों ने अपने हाथ में अखबार की प्रति लहराते हुए आगरा में धर्मपरिवर्तन के संबंध में कथित धोखाधडी का मामला उठाया. सपा, राकांपा सदस्यों ने भी इसका समर्थन किया. तृणमूल सदस्य सुल्तान अहमद ने कहा, अगरा में क्या हो रहा है ? धर्मपरिवर्तन के नाम पर क्या हो रहा है ? प्रधानमंत्रीजी सदन में मौजूद हैं, आप अपने लोगों को ऐसा करने से रोकें. इस पर भाजपा सदस्य किरिट सोमैया ने तृणमूल के एक सदस्य की प्रधानमंत्री के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी के विषय को उठाया। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्होंने नोटिस दिया है. अध्यक्ष सुमित्र महाजन ने इस पर कहा कि उन्हें नोटिस मिला है और वह इस बारे में सदस्य :तृणमूल सदस्य: से बात करेंगी.

राजद के जयप्रकाश नारायण यादव ने लुधियाना में बिहार की एक युवती से कथित बलात्कार के विषय को उठाया. अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं की बात पर वह पूरी तरह से गंभीर हैं और चर्चा कराने को तैयार हैं. लेकिन अभी प्रश्नकाल चलने दिया जाए. संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने भी सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया. इसके बाद प्रश्नकाल सुचारु रुप से चला.

आगरा में मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने छावनी इलाके में एक कार्यक्रम आयोजित करके 37 परिवारों के कम से कम 100 लोगों को कथित तौर पर फिर से हिंदू धर्म स्वीकार कराया है. वहीं एबीपी न्यूज में चल रही खबर में दिखाया जा रहा है कि हिंदू धर्म स्वीकार करने वाले लोगों पर दबाव बनाया गया. चैनल दिखा रहा है कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोग खुद यह बात कह रहे हैं.

संघ की इकाई ‘धर्म जागरण समन्वय विभाग’ और बजरंग दल का दावा है कि उन्होंने कल बडे पैमाने पर धर्मांतरण के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें हाथों में पवित्र धागा बांधकर और माथे पर तिलक लगाकर करीब 100 लोगों को ‘हिंदू धर्म में वापसी कराई गई.’ इनमें ज्यादातर झुग्गी-बस्ती में रहने वाले लोग हैं. धर्म जागरण समन्वय विभाग के क्षेत्रीय प्रमुख राजेश्वर सिंह ने कहा, ‘‘वह घर वापसी :हिंदू धर्म में वापसी: के इच्छुक थे.’’

उन्होंने कहा कि जिन लोगों का धर्मांतरण कराया गया उनका ताल्लुक पश्चिम बंगाल से है और वे झुग्गियों में रह रहे थे. वे करीब 25 साल पहले यहां आए थे. इस कार्यक्रम के आयोजकों का कहना है कि जिस कमरे में पुन:धर्मांतरण का कार्यक्रम हुआ उसे अस्थायी मंदिर में तब्दील कर दिया है तथा वहां हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी गई हैं. आयोजकों ने कहा कि इन लोगों को एक महीने तक हिंदू रीति-रिवाजों को अंजाम देना होगा. इन लोगों को जल्द ही नया नाम दिया जाएगा.

इस कार्यक्रम में हिंदू धर्म स्वीकार करने वालों में अधिकांश कचरा बीनने वाले हैं. वे इस मामले पर बोलने से बच रहे हैं. उनका कहना है कि उनका ठेकेदार इस्माईल उन्हें पश्चिम बंगाल से लाया था और वह इस धर्मांतरण की वजह जानता है. स्थानीय मुस्लिम नेताओं ने इसे ‘नाटक’ करार दिया है. शहर के प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरु अब्दुल कुद्दूस रुमी ने कहा कि अगर निर्धारित स्वरूप में उर्दू भाषा में लिखकर उनसे सवाल किया जाएगा, तभी वह इस मामले पर कोई जवाब दे सकते हैं.

वहीं, एक समाचार चैनल ने आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य के हवाले से खबर दी है कि इस कार्य में संघ को सीधे तौर पर संबंध नहीं है. हालांकि वैद्य ने अपने बयान में यह जोड़ा है कि इसे धर्मातरण नहीं घर वापसी कहा जाना चाहिए.

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