बदायूं मामला : CBI ने दाखिल की अंतिम रिपोर्ट, मामले की सुनवाई 6 जनवरी को

नयी दिल्ली : सीबीआइ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदायूं में दो किशोरियों की रहस्यमय मौत मामले में इस निष्कर्ष के साथ अपनी अंतिम रिपोर्ट आज दाखिल कर दिया है कि दोनों ने इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि बडी बहन का एक स्थानीय लडके के साथ प्रेम प्रसंग का खुलासा हो गया था. इस मामले की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2014 8:53 AM

नयी दिल्ली : सीबीआइ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदायूं में दो किशोरियों की रहस्यमय मौत मामले में इस निष्कर्ष के साथ अपनी अंतिम रिपोर्ट आज दाखिल कर दिया है कि दोनों ने इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि बडी बहन का एक स्थानीय लडके के साथ प्रेम प्रसंग का खुलासा हो गया था. इस मामले की सुनवाई 6 जनवरी को होगी.

सीबीआई सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसी ने कहा कि उसके द्वारा एकत्र किए गए फोरेंसिक और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों में कथित बलात्कार और हत्या के आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है तथा उसने घटनाओं की जो कडियां जोडी हैं उसके अनुसार दोनों लडकियों ने कथित तौर पर आत्महत्या की थी.

सूत्रों ने कहा कि एजेंसी पांच आरोपियों पप्पू, अवधेश और उर्वेश यादव (भाई) और कान्स्टेबल छत्रपाल यादव तथा सर्वेश यादव के खिलाफ आरोप हटाते हुए जांच बंद कर देगी. इन सभी को राज्य पुलिस ने दोनों लडकियों के कथित बलात्कार और हत्या मामले में मुख्य आरोपी बनाया था. उन्होंने कहा कि जांच की लीपापोती करने के लिए राज्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच की सिफारिश की जाएगी.

सीबीआइ सूत्रों ने कहा कि यह मामला इसका उदाहरण होगा कि जांचकर्ताओं को सही निष्कर्ष में पहुंचने में मदद के लिए पोस्टमार्टम व्यवस्था में कैसे सुधार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अंतिम रिपोर्ट में दोनों लडकियों के पिताओं, एक चाचा और मुख्य गवाह एवं दूर के रिश्तेदार नजरु के संदिग्ध कार्यों का भी उल्लेख होगा और आगे की कार्रवाई अदालत पर छोड दी जाएगी.

14 और 15 वर्ष की दोनों लडकियां गत 28 मई को अपने गांव में एक आम के पेड से लटकी पायी गई थीं. उससे एक दिन पहले उनकी गुमशुदगी की जानकारी दी गई थी. इसे लेकर मीडिया ने राज्य की कानून एवं व्यवस्था को कमजोर बताकर राज्य सरकार की आलोचना की थी। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने भी चिंता जतायी. सीबीआई ने जब तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड, सीएफएसएल, सेंटर फार डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक, एफएसएल गांधीनगर से प्राप्त फोरेंसिक रिपोर्टों के आधार पर जब निष्कर्ष निकाला तो बलात्कार और हत्या की धारणा धराशायी हो गई.

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