नयी दिल्ली : पिछले दिनों आगरा में एक धर्म विशेष के लोगों को कथित तौर पर जबरन धर्म परिवर्तन करवाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. आज भी इस मुद्दे को लेकर सदन में जोरदार हंगामा जारी है. विपक्ष इस मामले को लेकर एकजुट होता दिख रहा हैं, चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष आज वेल तक पहुंच गया.
प्रश्नकाल और फिर शून्यकाल के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल, सपा, राजद समेत विपक्षी सदस्यों ने सभी कार्य स्थगित कर धर्मांतरण पर चर्चा कराने की मांग की. अध्यक्ष सुमित्र महाजन ने कहा कि चर्चा कराने में कोई हर्ज नहीं है. एक बजे सभी दल के नेता मेरे साथ बैठें और तय करें कि किस तरह से चर्चा करायी जाए और दो बजे का समय तय हो, तब कोई आपत्ति नहीं होगी. इसके बाद विपक्षी सदस्य शांत हो गये और शून्यकाल की कार्यवाही सुचारु रुप से चली. प्रश्नकाल के दौरान भी विपक्षी सदस्यों द्वारा लोकसभा में आज किए गए हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी. सदन की आज की कार्यवाही शुरु होते ही इन दलों के सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया.
इससे पहले, शून्यकाल शुरु होने पर कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि हमने कार्यस्थन का प्रस्ताव आपके सामने रखा है. उत्तरप्रदेश के आगरा में जो घटना घटी है, वह विषय उठाया गया है और इस पर चर्चा कराने का आग्रह किया गया है. सभी दलों के नेताओं ने इस संबंध में सभी कार्य स्थगित करके चर्चा कराने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि सरकार भी मान गई है. देश में धर्मातरण के बारे में जो बात उठ रही है, उससे देश और देश से बाहर गलत संदेश जा रहा है क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष और सहिष्णु देश है. इसलिए विषबीज डालने के प्रयासों को रोका जाए.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि सदन में चर्चा की मांग हो रही है और चर्चा सदन की परंपरा भी रही है. सरकार पूरी चर्चा को तैयार है.
इससे पहले आज सुबह सदन शुरू होने के बादराज्यसभा में कांग्रेस की ओर से धर्म परिवर्तन पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिया गया. सांसद पीएल पुनिया ने नोटिस देते हुए कहा कि इस मामले पर साजिश चल रही है जिसकी जांच होनी चाहिए.
अल्पसंख्यक राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह कानून व्यवस्था से जुडा मुद्दा है. यदि राज्य में कुछ हो रहा है तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है. केंद्र का इससे कोई लेना देना नहीं है. भाजपा कभी जोर जबरदस्ती करने पर विश्वास नहीं रखती है.
हंगामा होते देखलोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री वेकैया नायडू ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है. धर्म परिवर्तन रोकने के लिए कानून बने. धर्म परिवर्तन को लेकर सरकार गंभीर है.नायडू ने कहा कि देश की एकता और अखंडता को कोई समस्या नहीं है. इस विषय पर राजनीति नहीं करें. एकतरफा ढंग से सदन नहीं चला सकते. यह गंभीर मामला है. सरकार चर्चा करने को तैयार है.
सदन के बाहर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मैने कल ही सदन में यह मुद्दा उठाया था. यह मामला काफी गंभीर है जिस तरह से वे धर्म परिवर्तन करा रहे हैं इनका उद्देश्य साफ है. ये लोग देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा कराना चाहते है. इसमें भाजपा और आएसएस जैसे संगठनों का हाथ है इसका केंद्र वे उत्तर प्रदेश को बनाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा सपा सरकार को सचेत हो जाना चाहिए. इससे पूरे देश में लॉ एड ऑडर खराब हो सकता है. इसपर केंद्र सरकार को कदम उठाने चाहिए. यदि लोग खुद धर्म परिवर्तन करते हैं तो ठीक है लेकिन लालच देकर ऐसा करवाना खराब है. इस मुद्दे को सपा सरकार को देखना चाहिए.
इस मुद्दे पर सांसद योगीनाथ ने कहा कि धर्म परिवर्तन के नाम पर भाजपा पर बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है. मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि मीडिया इसे नकारात्मक सोच के साथ क्यों देख रही है. यदि कोई घर वापसी करना चाहता है तो उन्हें ऐसा करने देना चाहिए. 25 दिसंबर का कार्यक्रम शुद्धिकरण का है. उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने राज्य सरकार वह सभी काम करेगी जो राष्ट्रहित में न हो.
शिवसेना के अनंत गीते ने कहा कि धर्मांतरण पर सरकार किसी भी समय चर्चा कराने को तैयार है. चर्चा हो लेकिन किस दिशा में हो यह भी देखना जरुरी है. इस विषय पर आप (विपक्ष) नोटिस लाये और चर्चा हो. राकांपा के तारिक अनवर ने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है. यह बुनियादी ढांचे पर आघात है. इस विषय पर तत्काल चर्चा हो.
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान राजद के राजेश रंजन और कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल ने धर्मातरण के विषय को उठाते हुए कहा कि इस विषय पर उन्होंने कार्य स्थगन का नोटिस दिया है और प्रश्नकाल स्थगित कर इस मुद्दे पर चर्चा करायी जाए.
रुडी ने कहा कि लेकिन कार्यसूची में जो विषय है, उसे पूरा करके इस विषय पर चर्चा करायी जाए, क्योंकि सूची में मनरेगा जैसे महत्वपूर्ण विषय हैं जो विपक्ष के सदस्यों के नोटिस पर ही आया है. कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इस सत्र और पूर्व के सत्र में कई बार हमने ऐसा देखा कि कार्यसूची में बदलाव करके दूसरी बात रखी गई. यह नहीं चलेगा कि चित भी मेरी और पट भी मेरी। पहले धर्मातरण पर चर्चा करायी जाए और फिर दूसरी बातों पर चर्चा हो.
सपा के मुलायम सिंह ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है और सदन को सभी बातों को छोडकर इस विषय को लेना चाहिए. इसके :धर्मांतरण: कारण गंभीर स्थिति पैदा हो गई है. अभी यह चिंगारी है और यह गंभीर रुप ले सकती है. इस विषय पर चर्चा हो और सरकार कोई ऐसा समाधान निकालें जिससे देश की एकता और भाईचारा बना रहे. सरकार की तरफ से इस विषय पर अश्वासन भी आना चाहिए.
तृणमूल कांग्रेस के सुल्तान अहमद ने कहा कि तमाम कार्य बंद करके इस विषय पर चर्चा करायी जाए। सदन से देश में सद्भावना का संदेश देने के लिए इस विषय पर चर्चा कराया जाना जरुरी है. राजद के जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि यह गंभीर मामला है और धर्मातरण के विषय पर सभी कार्य बंद करके चर्चा करायी जाए. माकपा के मोहम्मद सलीम ने कहा कि सरकार इस बारे में चुप है जबकि इस बारे में स्वत: संज्ञान लेते हुए बयान आना चाहिए था.