इनामी नक्सली समेत तीन महिला नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके बाजीपुर जिले में एक इनामी महिला नक्सली समेत तीन नक्सली महिलाओं ने आज आत्मसमर्पण किया. बीजापुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तीन महिला नक्सलियों सीमा मोडियाम उर्फ रजुला, सुनीता तेलम और मैनी मज्जी उर्फ कविता ने नक्सली जीवन शैली से त्रस्त होकर आत्मसमर्पण कर दिया है. पुलिस […]
रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके बाजीपुर जिले में एक इनामी महिला नक्सली समेत तीन नक्सली महिलाओं ने आज आत्मसमर्पण किया.
बीजापुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तीन महिला नक्सलियों सीमा मोडियाम उर्फ रजुला, सुनीता तेलम और मैनी मज्जी उर्फ कविता ने नक्सली जीवन शैली से त्रस्त होकर आत्मसमर्पण कर दिया है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मैनी मज्जी उर्फ कविता (24 वर्ष), वर्ष 2004 में दल में शामिल हुई थी. मैनी ने पिछले करीब 10 वर्ष तक नक्सलियों के साथ कार्य किया. वहीं पर मलेरिया से पीडित होने के बाद वह अपने घर इलाज कराने आई थी जहां इसने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया.
इस महिला नक्सली पर छत्तीसगढ सरकार ने एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया है. मैनी रानीबोदली पोस्ट पर हमले समेत कई अन्य घटनाओं में शामिल रही है.
अधिकारियों ने बताया कि सीमा मोडियाम (30 वर्ष) वर्ष 2005 में सलवा जुडूम के समय घर से भागकर एक वर्ष गंगालूर क्षेत्र में अपनी रिश्तेदार के घर रही. इस दौरान महिला नक्सली निर्मलक्का और शारदक्का की बातों में आकर वह नक्सली संगठन में शामिल हो गई.
बाद में वर्ष 2006 में नक्सलियों के साथ अबूझमाड क्षेत्र में इसे गोपन्ना को सौंप दिया गया. इस वर्ष अक्तूबर माह में वह अपने परिवार से मिलने का बहाना कर अपने घर बोदली गांव आ गई जिसके बाद इसने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया. उन्होंने बताया कि नक्सली सुनीता तेलम (22 वर्ष) वर्ष 2011 में मिरतूर चेतना नाट्य मंच (सी.एन.एम.) में शामिल हुई थी.
बाद में यह मिरतूर लोकल आपरेशन स्क्वाड (एल.ओ.एस.) में शामिल हो गई. सुनीता पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेडों समेत अन्य घटनाओं में शामिल रही है. बाद में इसने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है.
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पांच-पांच हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी गई है तथा राज्य शासन की अन्य योजनाओं का लाभ इन्हें दिया जाएगा.