400 से अधिक पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर की कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी ने राज्य में पांडुलिपियों, चित्रों और अभिलेखागार की तस्वीरों के संग्रह का डिजिटलीकरण करने के प्रयास के तहत 400 से अधिक पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया है जिनमें करीब सवा लाख पृष्ठ हैं. अकादमी सचिव खालिद बशीर ने यहां कहा कि डिजिटलीकरण कार्य 22 मई को शुरु […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:56 PM

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर की कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी ने राज्य में पांडुलिपियों, चित्रों और अभिलेखागार की तस्वीरों के संग्रह का डिजिटलीकरण करने के प्रयास के तहत 400 से अधिक पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया है जिनमें करीब सवा लाख पृष्ठ हैं.

अकादमी सचिव खालिद बशीर ने यहां कहा कि डिजिटलीकरण कार्य 22 मई को शुरु हुआ था. आज तक श्रीनगर के अकादमी संग्रह में मौजूद कुल 600 से अधिक पांडुलिपियों से सवा लाख पृष्ठों वाली 410 पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया गया है. बशीर ने कहा कि राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है.

इन दुर्लभ पांडुलिपियों में फतेह उल्लाह कश्मीरी द्वारा लिखित पवित्र कुरान की 12वीं सदी की प्रति, फारसी में महाभारत, भागवत पुराण, शिव पुराण, माथनवी मौलाना रुम, बस्तान ए सादी, सिकंदरनामा, दीवान ए हफीज सहित अन्य शामिल हैं.
बशीर ने कहा कि पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण का काम पूरा होने के बाद अकादमी के श्रीनगर, जम्मू और लेह कार्यालयों में मौजूद चित्रों, लघुचित्रों और अभिलेखागार की तस्वीरों के संग्रह के डिजिटलीकरण का काम शुरु होगा.

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