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मध्यप्रदेश ग्रीन कॉरीडोर में शामिल, केंद्र से मिलेंगे 2100 करोड़
भोपाल : मध्यप्रदेश को देश के ‘ग्रीन कॉरीडोर’ में शामिल कर लिया गया है. इससे प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा को बढावा देने के लिए केंद्र सरकार से 2100 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार इस बात की जानकारी कल यहां मंत्रलय में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं और नीतियों के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक […]
भोपाल : मध्यप्रदेश को देश के ‘ग्रीन कॉरीडोर’ में शामिल कर लिया गया है. इससे प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा को बढावा देने के लिए केंद्र सरकार से 2100 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार इस बात की जानकारी कल यहां मंत्रलय में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं और नीतियों के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक में दी गयी.
इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नेनवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को व्यवस्थित रूप से बढ़ावा देने का निर्देश देते हुए परियोजनाओं की लागत और भूमि की आवश्यकता जैसे मुद्दों पर चर्चा की.
बैठक में बताया गया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 1.13 लाख करोड़ मूल्य की परियोजनाओं में प्रस्ताव मिले हैं. राष्ट्रीय कंपनियों एनटीपीसी, कोल इंडिया, मॉइल एवं नाल्को ने भी परियोजनाओं के प्रस्ताव दिये हैं.
वर्ष 2013-14 में मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 306 मेगावाट क्षमता बढ़ी, जो देश में किसी भी राज्य के मुकाबले अधिकतम है. वहीं रीवा, रामपुरा (नीमच) और लातुर (शाजापुर) में अल्ट्रा मेगा सोलर संयंत्र के लिए सर्वाधिक उपयुक्त स्थल बताये गये हैं.
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2012 से 2014 में सौर एवं पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता 227 प्रतिशत की वृद्घि हुई है. नवीकरणीय ऊर्जा में स्थापित क्षमता 992 मेगावाट हो गयी है. इसके वर्ष 2014 तक 1678 मेगावाट और वर्ष 2017 तक 5247 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है. वर्तमान में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की 7678 परियोजनाएं स्थापना की प्रक्रिया में है.
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