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झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिये

नयी दिल्ली : संसद की स्थायी समिति ने औद्योगिक रूप से पिछड़े राज्यों जैसे बिहार, ओडिशा, झारखंड तथा ऐसे ही अन्य राज्यों को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा दिये जाने की सिफारिश की है. संसद की विभाग.संबंधित वाणिज्य संबंधी स्थायी समिति ने अपनी 108वीं रिपोर्ट में इसकी सिफारिश करते हुये कहा है कि संबंधित […]

नयी दिल्ली : संसद की स्थायी समिति ने औद्योगिक रूप से पिछड़े राज्यों जैसे बिहार, ओडिशा, झारखंड तथा ऐसे ही अन्य राज्यों को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा दिये जाने की सिफारिश की है. संसद की विभाग.संबंधित वाणिज्य संबंधी स्थायी समिति ने अपनी 108वीं रिपोर्ट में इसकी सिफारिश करते हुये कहा है कि संबंधित विभाग को इस मुद्दे को योजना आयोग के समक्ष उठाने का निर्देश भी दिया है. समिति ने रिपोर्ट पेश होने के तीन माह की अवधि के भीतर विभाग से उसके समक्ष एक स्थिति टिप्पण पेश करने को भी कहा है.

भाजपा नता शांता कुमार की अध्यक्षता वाली इस समिति ने संसद में आज पेश अपनी रिपोर्अ में विशेष श्रेणी का दर्जा प्राप्त राज्यों जम्मू.कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पिछड़े राज्यों की जनता की जनता को विभिन्न योजनाओं का बेहतर लाभ पहुंचाने की दिशा में अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है. औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग की वर्ष 2013.14 की अनुदान मांगों पर पेश इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार से प्राप्त प्रतिवेदनों के अनुसार विशेष श्रेणी राज्यों की योजना की शुरआत से लेकर जून 2011 तक जम्मू कश्मीर, दिसंबर 2011 तक हिमाचल प्रदेश और अक्तूबर 2011 तक उत्तराखंड को क्रमश 3,251.86 करोड़े, 15,650.98 करोड़ रूपये और 23,905.00 करोड़ रूपये का कुल निवेश किया गया.

रिपोर्ट के अनुसार इससे जम्मू कश्मीर में 67,902 व्यक्तियों को, हिमाचल प्रदेश में 1,05,452 लोगों को और उत्तराखंड में 3,18,890 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ. इस दौरान इन राज्यों में क्रमश 9,643 और 8,539 तथा 29,898 औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुईं. समिति ने कहा है कि इन राज्यों की जनता को अभीष्ट लाभ पहुंचाने के लिये अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है.

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